नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल ज़िले में शनिवार देर रात एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। दिल्ली से कैंची धाम दर्शन के लिए आए पर्यटकों का वाहन लौटते समय गहरी खाई में गिर गया। इस दर्दनाक हादसे में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि चार बच्चों समेत 15 अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों का उपचार हल्द्वानी के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, एक टेंपो ट्रैवलर (संख्या CH 5768B) दिल्ली के बदरपुर से 17 पर्यटकों को लेकर नैनीताल स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम आया था। दर्शन के बाद जब यह वाहन नैनीताल-हल्द्वानी मार्ग से लौट रहा था, तभी देर रात आम पड़ाव के पास चालक का नियंत्रण बिगड़ गया और टेंपो करीब 50 फीट गहरी खाई में जा गिरा। हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण और राहगीर मौके पर पहुंचे और तुरंत पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही ज्योलिकोट चौकी और तल्लीताल थाना की पुलिस टीमें प्रभारी मनोज नयाल के नेतृत्व में मौके पर पहुंचीं। पुलिस और स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू अभियान चलाते हुए खाई में फंसे सभी यात्रियों को बाहर निकाला। घायलों को 108 एंबुलेंस सेवा की मदद से हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल, चंदन अस्पताल और सेंट्रल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दो की मौत, कई गंभीर
चिकित्सकों ने उपचार के दौरान गौरव बंसल (26) निवासी बदरपुर, दिल्ली और सोनू कुमार (32) निवासी बरहेन गांव को मृत घोषित कर दिया। बाकी 15 घायलों में अंशिका (21), सोनिया (32), सुशांत (8), दिशा (5), निकिता, श्वेता (25), पूर्वा (8), यशी, अजय अग्रवाल (34), अनु अग्रवाल, शिल्पी अग्रवाल (28), हेमंत अग्रवाल, श्रुति अग्रवाल (28), वंश अग्रवाल और विजय अग्रवाल (30) शामिल हैं। सभी घायल बदरपुर, दिल्ली के निवासी हैं।
रातभर चला रेस्क्यू अभियान
हादसे की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने रातभर राहत-बचाव अभियान चलाया। खाई गहरी होने के कारण रेस्क्यू में काफी मुश्किलें आईं, लेकिन सभी यात्रियों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाया गया। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सड़क पर अंधेरा और मोड़ पर फिसलन के कारण चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा था।
एसएसपी ने अस्पताल पहुंचकर जाना हाल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डा. मंजूनाथ टीसी देर रात ही हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने चिकित्सकों को बेहतर उपचार के निर्देश दिए और दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दिए।
