‘कार लूट’ पर मोदी का राजद पर तंज, राबड़ी देवी का पलटवार — ‘मोदी ने देश लूटा है’

मुजफ्फरपुर, 30 अक्टूबर । बिहार में चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर तीखा हमला बोला और उसके शासनकाल को “जंगल राज” करार देते हुए आरोप लगाया कि उस दौर में पार्टी के नेताओं ने शोरूमों से कारें लूट ली थीं। प्रधानमंत्री के इस बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि “देश को लूटने वाले मोदी हैं।”

मुजफ्फरपुर में आयोजित एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज बिहार के युवा मोटरसाइकिलों में निवेश कर रहे हैं। संशोधित जीएसटी दरों के कारण समृद्धि और बचत दोनों बढ़ी हैं। लेकिन यह वही बिहार है जहां जंगल राज के समय वाहनों के शोरूम बंद हो रहे थे। लोग गाड़ियां खरीदना चाहते थे, मगर राजद के नेता शोरूमों पर धावा बोलते और कारें लूट ले जाते थे।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी 2000 के दशक की शुरुआत में घटी एक कथित घटना की ओर संकेत करती है। यह घटना पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती की शादी के दौरान हुई थी, जब शोरूम से कई नई गाड़ियों को कथित तौर पर शादी समारोह के लिए जबरन ले जाया गया था।

प्रधानमंत्री के इस हमले पर राबड़ी देवी ने जोरदार पलटवार करते हुए कहा, “उन्हें (मोदी) चोर कहा जाना चाहिए। उन्होंने देश को लूटा है।” राबड़ी देवी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके कार्यकाल में बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार चरम पर है, जबकि जनता की समस्याओं से ध्यान भटकाने के लिए वह विपक्ष पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।

राबड़ी देवी 1997 में उस समय राजनीति में आईं जब उनके पति लालू प्रसाद को चारा घोटाला मामले में सीबीआई के आरोप पत्र के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय उनके भाइयों साधु यादव और सुभाष यादव का राज्य की राजनीति में बड़ा प्रभाव था। इस कथित “कार लूट” प्रकरण के लिए अक्सर इन्हीं दोनों भाइयों को जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है, हालांकि अब दोनों राबड़ी देवी से दूरी बनाए हुए हैं।

प्रधानमंत्री के बयान से बिहार की चुनावी राजनीति में एक बार फिर अतीत का “जंगल राज” बनाम “विकास राज” का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा इस बयान के जरिए राज्य की युवा पीढ़ी को पुराने शासनकाल की अराजकता की याद दिलाने की कोशिश कर रही है, जबकि राजद इसे जनता की असली समस्याओं से ध्यान भटकाने की रणनीति बता रही है।

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