मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन पर लगाया प्रतिबंध, कहा – आतंकवाद और मतांतरण में हो रहा था दुरुपयोग

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में हलाल सर्टिफिकेशन पर बड़ा फैसला लेते हुए इसके उपयोग और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने दावा किया कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर होने वाला आर्थिक लेन-देन न केवल आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा था, बल्कि इसे धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी गतिविधियों में भी खर्च किया जा रहा था।

गोरखपुर में आयोजित आरएसएस के ‘दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बलरामपुर में गिरफ्तार जलालुद्दीन उर्फ छांगुर हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर भारी धनराशि इकट्ठा कर मतांतरण और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। उन्होंने बताया कि छांगुर विदेशी फंडिंग के साथ देश के अंदर से भी पैसा जुटा रहा था और इसे धार्मिक परिवर्तन के काम में खपा रहा था। सरकार ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब जांच शुरू की गई, तो यह तथ्य सामने आया कि देश में हर वर्ष करीब 25 हजार करोड़ रुपये का लेन-देन हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर होता है। यह पूरी प्रक्रिया किसी भी सरकारी एजेंसी या प्राधिकरण द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। उन्होंने इसे “आर्थिक शोषण और धार्मिक षड्यंत्र” बताते हुए कहा कि अब उत्तर प्रदेश में कोई भी संस्था हलाल सर्टिफिकेट लगाकर उत्पाद नहीं बेच सकेगी।

योगी आदित्यनाथ ने लोगों से अपील की कि वे कोई भी वस्तु खरीदते समय यह जरूर जांचें कि उस पर हलाल सर्टिफिकेशन न हो। उन्होंने कहा, “साबुन, कपड़े और यहां तक कि माचिस तक को हलाल घोषित किया जा रहा था। इससे बड़ा झूठ और षड्यंत्र कुछ नहीं हो सकता। माचिस तो हलाल नहीं, झटका वाली चीज है — झटके में ही जलती है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर जुटाई गई धनराशि का उपयोग आतंकवाद, लव जिहाद और मतांतरण जैसे षड्यंत्रों में किया जा रहा था। सरकार ने छांगुर और उसके गिरोह पर शिकंजा कसते हुए इस नेटवर्क को ध्वस्त किया है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने अब हलाल सर्टिफिकेशन को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है, ताकि किसी संस्था को इस बहाने से जनता का आर्थिक शोषण न करने दिया जाए।

योगी ने जनता से आग्रह किया कि वे केवल वैध कर (GST) वाले उत्पाद ही खरीदें और ऐसे किसी भी उत्पाद से दूर रहें जो समाज में विभाजन या आतंकवाद को बढ़ावा देने का माध्यम बन सकता है। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के बाद यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े कारोबार पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है।

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