सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने पिथौरागढ़ में अग्रिम चौकियों का दौरा किया, मध्य क्षेत्र की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा

नई दिल्ली | 20 अक्टूबर- भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-चीन और भारत-नेपाल सीमाओं से सटे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मध्य क्षेत्र का दो दिवसीय दौरा कर सुरक्षा स्थिति और सैन्य तैयारियों की गहन समीक्षा की। यह दौरा रविवार को संपन्न हुआ।

अधिकारिक जानकारी के अनुसार, जनरल द्विवेदी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और आसपास के क्षेत्रों की ऊंचाई वाली अग्रिम चौकियों का दौरा किया, जहां उन्होंने न केवल मौजूदा परिचालन स्थितियों का आकलन किया बल्कि जवानों का मनोबल भी बढ़ाया।

सैन्य क्षमताओं में बढ़ोतरी की समीक्षा

सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि सेना प्रमुख ने उन्नत निगरानी प्रणालियों, गतिशील प्लेटफार्मों, अगली पीढ़ी की तकनीकों के एकीकरण, टोही क्षमताओं के उन्नयन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय जैसे जारी क्षमता निर्माण कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की।

बयान में आगे कहा गया, “सेना प्रमुख ने चुनौतीपूर्ण पर्वतीय भूभाग में कार्यरत सैनिकों के अनुशासन, व्यावसायिक दक्षता और उपलब्ध संसाधनों के नवाचारपूर्ण उपयोग की सराहना की।”

सैनिकों और स्थानीय समुदाय से संवाद

दौरे के दौरान जनरल द्विवेदी ने अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत की और चरम जलवायु परिस्थितियों तथा कठिन इलाकों में उनके समर्पण और साहस की प्रशंसा की। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारतीय सेना उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इसके अतिरिक्त, सेना प्रमुख ने भूतपूर्व सैनिकों और स्थानीय नागरिकों से भी मुलाकात की। उन्होंने क्षेत्र में नागरिक-सैन्य संबंधों को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

कुमाऊं की रणनीतिक भूमिका को रेखांकित किया

जनरल द्विवेदी ने कुमाऊं क्षेत्र की सामरिक महत्ता को रेखांकित करते हुए कुमाऊं रेजीमेंट की गौरवशाली सैन्य विरासत का भी उल्लेख किया। उन्होंने स्थानीय समुदाय के योगदान की सराहना करते हुए उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा में ‘अहम भागीदार’ बताया।

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