नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर – जनगणना 2027 के पहले चरण के लिए मकान सूचीकरण और आवास जनगणना समेत पूर्व-परीक्षण कवायद 10 से 30 नवंबर 2025 तक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चुनिंदा नमूना क्षेत्रों में आयोजित होगी। एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने एक अधिसूचना में कहा कि एक से सात नवंबर तक स्व-गणना का विकल्प भी उपलब्ध होगा।
पूर्व-परीक्षण कवायद में एक अप्रैल, 2026 और 28 फरवरी, 2027 के बीच दो चरण में होने वाली जनगणना की प्रभावकारिता का जायजा लिया जाएगा। इन दो चरण में मकान सूचीकरण और आवास अनुसूची (एचएलओ), तथा जनसंख्या गणना होगी।
यह पहली डिजिटल जनगणना होगी, जिसमें नागरिकों की जाति की गणना भी की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण चरण के दौरान, इस वृहद प्रक्रिया के सभी पहलुओं, जैसे प्रश्न, डेटा संग्रह, प्रशिक्षण, मोबाइल एप्लिकेशन और सॉफ्टवेयर का मूल्यांकन किया जाएगा ताकि प्रक्रिया में आने वाली किसी भी समस्या का समाधान किया जा सके।
पहले चरण के तहत मकान सूचीकरण आॅपरेशन (एचएलओ) में प्रत्येक परिवार की आवास स्थिति, परिसंपत्तियों और सुविधाओं के बारे में डेटा एकत्र किया जाएगा।
दूसरे चरण, यानी जनसंख्या गणना (पीई) में प्रत्येक घर के प्रत्येक व्यक्ति का जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य विवरण एकत्र किया जाएगा। अधिसूचना में कहा गया है कि यह प्रक्रिया एक फरवरी, 2027 तक चलेगी।
संपूर्ण कवायद के लिए 34 लाख से अधिक गणनाकार और पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
यह जनगणना प्रक्रिया शुरू होने के बाद से 16वीं और स्वतंत्रता के बाद आठवीं जनगणना होगी।
