नई दिल्ली, 16 अक्टूबर – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलियों को कड़ा संदेश देते हुए साफ कर दिया है कि जो नक्सली हथियार छोड़कर मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो हिंसा का रास्ता नहीं छोड़ेंगे, उन्हें सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई का सामना करना होगा। गुरुवार को शाह ने छत्तीसगढ़ के दो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों – अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर – को नक्सल मुक्त घोषित किया।
शाह ने कहा कि यह नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में एक ही दिन में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके अलावा बुधवार को 27 नक्सलियों ने हथियार डाले थे, जबकि महाराष्ट्र में 61 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। दो दिनों में कुल 258 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का फैसला किया है।
गृह मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “यह बहुत खुशी की बात है कि एक समय आतंक का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित किया गया है। अब केवल दक्षिण बस्तर में छिटपुट नक्सली बचे हैं, जिन्हें हमारे सुरक्षा बल जल्द खत्म कर देंगे।”
शाह ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के संविधान में विश्वास दिखाने और मुख्यधारा से जुड़ने के निर्णय की सराहना की और कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नक्सलवाद के खात्मे के लिए किए गए अथक प्रयासों का नतीजा है। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है।”
गृह मंत्री ने यह भी बताया कि जनवरी 2024 में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक छत्तीसगढ़ में कुल 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 मारे गए हैं। शाह ने दोहराया कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करना है।
शाह ने नक्सलियों से अंतिम अपील करते हुए कहा, “जो अभी भी नक्सलवाद की राह पर हैं, वे हथियार छोड़कर मुख्यधारा में आएं। हमारी नीति स्पष्ट है – हिंसा छोड़िए, देश के विकास में भाग लीजिए।”
सरकार के इन आंकड़ों और कड़े रुख से स्पष्ट है कि आने वाले समय में नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार की तैयारी पूरी हो चुकी है।
