नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन की नौसेनाओं के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास “एक्सरसाइज कॉनकन-2025” अरब सागर में जारी है। इस वार्षिक द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग, सुरक्षा और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाना है।भारतीय नौसेना की ओर से आईएनएस चेन्नई, आईएनएस सुभद्रा और नौसैनिक हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया, जबकि ब्रिटिश रॉयल नेवी की ओर से HMS Portland फ्रिगेट इस अभ्यास में भाग ले रही है। दोनों देशों की नौसेनाएं युद्धक संचालन, संचार प्रणाली, एंटी-सबमरीन वारफेयर और समुद्री निगरानी जैसे क्षेत्रों में संयुक्त अभ्यास कर रही हैं।नौसेना प्रवक्ता के अनुसार, “कॉनकन-2025” भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते सामरिक सहयोग का प्रतीक है। इस अभ्यास से समुद्री डकैती, तस्करी और समुद्री आतंकवाद जैसी चुनौतियों से निपटने की क्षमता को मजबूत किया जाएगा। अभ्यास के दौरान वास्तविक परिस्थितियों में युद्धाभ्यास (Live Drills) किए जा रहे हैं ताकि दोनों देशों की सेनाओं के बीच पारस्परिक समझ और तालमेल को और बेहतर बनाया जा सके।भारतीय नौसेना ने बताया कि यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में स्वतंत्र और सुरक्षित समुद्री मार्ग सुनिश्चित करने के लिए अहम है। भारत और ब्रिटेन दोनों का लक्ष्य क्षेत्रीय स्थिरता और “फ्री एंड ओपन इंडो-पैसिफिक” की अवधारणा को आगे बढ़ाना है।रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यह अभ्यास न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि दोनों देशों के ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों को भी नई मजबूती प्रदान करेगा। “कॉनकन-2025” भारत की समुद्री शक्ति और वैश्विक साझेदारी की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अरब सागर में भारत-यूके नौसेना अभ्यास ‘कॉनकन-2025’ शुरू, बढ़ेगा समुद्री सहयोग
