महर्षि वाल्मीकि ने समाज को ज्ञान, समरसता और धर्म के मार्ग पर अग्रसर किया: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ, 7 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने समाज को धर्म, ज्ञान और समरसता के पथ पर चलने की प्रेरणा दी। यह आयोजन बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में समाजसेवी, विद्वान एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि ने अपनी अमर काव्य रचना ‘रामायण’ के माध्यम से मानवता को जीवन का आदर्श मार्ग दिखाया। उनका जीवन समाज में समानता, न्याय और सद्भाव का प्रतीक है। योगी ने कहा, “महर्षि वाल्मीकि ने यह संदेश दिया कि कोई भी व्यक्ति अपने कर्म और ज्ञान से समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त कर सकता है।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि देश के पहले इंटरनेशनल एयरपोर्ट, जो अयोध्या में बना है, उसे महर्षि वाल्मीकि के नाम पर समर्पित किया गया है। साथ ही, श्रीराम जन्मभूमि परिसर में बनाए जा रहे सप्तऋषियों के मंदिरों में से एक मंदिर भी महर्षि वाल्मीकि को समर्पित किया गया है। उन्होंने इसे भारत की सनातन परंपरा और ऋषियों के योगदान के प्रति सम्मान का प्रतीक बताया।

योगी ने महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके जीवन संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि के विचार युगों-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करते रहेंगे और नई पीढ़ी को उनके आदर्शों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

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