वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भारत के सेवा क्षेत्र (Services Sector) की वृद्धि दर सितंबर 2025 में धीमी पड़ी है। S&P Global द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, देश का परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) अगस्त के 60.1 अंकों से घटकर सितंबर में 58.3 अंक पर आ गया है। हालांकि यह स्तर 50 से ऊपर है, जो आर्थिक विस्तार को दर्शाता है, लेकिन गिरावट यह संकेत देती है कि सेक्टर की गति पर दबाव बढ़ा है।रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी मांग में कमी, निर्यात ऑर्डरों की गिरावट और वैश्विक बाजारों में आर्थिक सुस्ती ने भारतीय सेवा उद्योग की वृद्धि को प्रभावित किया है। खासतौर पर आईटी, वित्तीय सेवाओं, लॉजिस्टिक्स, और रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनियाँ अंतरराष्ट्रीय क्लाइंट्स की घटती मांग से जूझ रही हैं। S&P Global ने कहा कि “सितंबर का आंकड़ा यह दिखाता है कि भारत की सेवा अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत है, लेकिन वृद्धि की गति अब स्थिर हो रही है।”रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि घरेलू बाजार में उपभोग मांग अपेक्षाकृत स्थिर बनी हुई है, जिससे कंपनियों को कुछ राहत मिली है। इसके बावजूद बढ़ती लागत, महंगाई और कच्चे माल की कीमतों ने व्यवसायिक लाभ को सीमित कर दिया है।विशेषज्ञों का अनुमान है कि आगामी महीनों में सरकार द्वारा डिजिटल सेवाओं, पर्यटन और बुनियादी ढांचे में निवेश से सेक्टर को बल मिल सकता है। साथ ही, त्योहारी सीजन में घरेलू खर्च बढ़ने से सेवा क्षेत्र को आंशिक समर्थन मिलने की उम्मीद है। हालांकि, वैश्विक निर्यात बाज़ार में सुधार तब तक संभव नहीं माना जा रहा जब तक विदेशी मांग स्थिर नहीं होती। S &P Global ने निष्कर्ष में कहा कि “भारतीय सेवा उद्योग लचीला है, परंतु वैश्विक परिस्थितियाँ और लागत दबाव आने वाली तिमाहियों में इसकी दिशा तय करेंगे।”
S&P Global की रिपोर्ट : सितंबर में भारत के सेवा क्षेत्र की रफ्तार घटी, विदेशी मांग में आई सुस्ती
