उत्तर प्रदेश में गोवंश संरक्षण को मिली रफ्तार, पशुधन मंत्री ने दिए पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के निर्देश

निर्माणाधीन वृहद गो संरक्षण केंद्रों को एक माह में पूर्ण करने का निर्देश, दिसंबर तक 80% बजट व्यय का लक्ष्य

लखनऊ, 6 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश सरकार निराश्रित और बेसहारा गोवंशों के संरक्षण के लिए गंभीर प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में पशुपालन निदेशालय, बादशाहबाग परिसर स्थित सभागार में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में गोवंश संरक्षण, अवस्थापना, बजट उपयोग और विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।

मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि गो आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण के लिए प्रति गोवंश प्रतिदिन 50 रुपये की दर से जारी धनराशि का शत-प्रतिशत और पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे गोवंश स्वस्थ एवं सुरक्षित रहेंगे।

सड़कों पर विचरण कर रहे गोवंश की सुरक्षा के लिए रेडियम बेल्ट लगाने का अभियान तेज करने को कहा गया ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इसके साथ ही मंत्री ने आदेश दिया कि निर्माणाधीन वृहद गो संरक्षण केंद्रों, जिनका कार्य 90% से अधिक पूर्ण हो चुका है, उन्हें एक माह के भीतर पूरी तरह क्रियाशील किया जाए।

 

अवस्थापना में गुणवत्ता की सख्त हिदायत

पशुधन मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अवस्थापना कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। हर जनपद में पोर्टल अपडेट हो, ईयर टैगिंग प्राथमिकता से पूरी हो, और मुख्य पशुचिकित्साधिकारी नियमित निरीक्षण कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि दिसंबर 2025 तक 80% बजट व्यय अनिवार्य रूप से किया जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

हरे चारे की बुवाई को प्रोत्साहन

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में अब तक 7,608 गो आश्रय स्थलों की स्थापना की जा चुकी है, जहां 12.36 लाख से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। राज्य सरकार ने 10,642 हे. कब्जा मुक्त गोचर भूमि को गो आश्रय स्थलों से टैग करते हुए 7,078.14 हे. भूमि पर हरे चारे की बुवाई कराई है।

किसानों और पशुपालकों को जागरूक करने पर जोर

प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने जलभराव रोकने, स्वच्छता बनाए रखने और रेडियम बेल्ट अभियान को गति देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि किसान और पशुपालक अधिक संख्या में लाभान्वित हो सकें।

बैठक में विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय, निदेशक योगेन्द्र पवार, संयुक्त निदेशक डा. पी.के. सिंह और लखनऊ मंडल के सभी मुख्य पशुचिकित्साधिकारी उपस्थित थे।

सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है  गोवंश संरक्षण में पारदर्शिता, गुणवत्तापूर्ण अवस्थापना और प्रभावी कार्यान्वयन से उत्तर प्रदेश को मॉडल राज्य बनाना।

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