भारतीय सेना ने देश की वायु सुरक्षा क्षमता को और मजबूत बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। सेना ने सामरिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 6 AK-630 मल्टी-बैरल वायु रक्षा प्रणालियाँ (Air Defence Systems) आपातकालीन आधार पर खरीदने का निर्णय लिया है। यह निर्णय भारत की सीमाओं पर बदलते सुरक्षा हालात और वायु खतरों से निपटने की तैयारी को देखते हुए लिया गया है।AK-630 एक अत्याधुनिक निकट दूरी की वायु रक्षा प्रणाली (Close-In Weapon System) है, जो दुश्मन के ड्रोन, मिसाइल और हेलिकॉप्टर जैसे खतरों को कुछ ही सेकंड में नष्ट करने की क्षमता रखती है। यह प्रणाली 30 मिमी की छह नाल वाली तोप से लैस होती है, जो प्रति मिनट 4000 से अधिक गोलियाँ दाग सकती है। पहले यह प्रणाली मुख्यतः नौसेना जहाज़ों पर उपयोग की जाती थी, लेकिन अब इसे स्थलीय उपयोग के लिए भी अनुकूलित किया जा रहा है।रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इन प्रणालियों की खरीद आपातकालीन खरीद (Emergency Procurement) प्रक्रिया के तहत की जा रही है, जिससे सेना को त्वरित तैनाती की सुविधा मिलेगी। बताया जा रहा है कि ये प्रणालियाँ देश में ही असेंबल की जाएंगी और भारतीय कंपनियों को इसमें साझेदारी का अवसर मिलेगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी बढ़ावा मिलेगा।सना अधिकारियों का कहना है कि यह निर्णय उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कम ऊँचाई से आने वाले हवाई खतरों का मुकाबला करने में अत्यंत उपयोगी साबित होगा। इसके साथ ही भारतीय सेना भविष्य में स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों को भी शामिल करने की दिशा में काम कर रही है। रक्षा विशेषज्ञों ने इस कदम को भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है।
