राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की आहट, नगर निकाय चुनावों से पहले बड़ी रणनीति पर काम शुरू
मुंबई, 6 अक्टूबर : शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के बीच गठबंधन की अटकलें तेज हो गई हैं। रविवार को उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मुलाकात के बाद सोमवार को सांसद संजय राउत ने इस पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि यह गठबंधन “दिल और दिमाग से” किया जाएगा, और यह सिर्फ राजनीतिक नहीं बल्कि भावनात्मक और रणनीतिक गठजोड़ होगा।
राउत ने कहा कि मुंबई, ठाणे, डोंबिवली, नासिक और पुणे जैसे नगर निकायों में दोनों दल मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा, “यह गठबंधन तन, मन और धन से बनेगा।”
गठबंधन की पृष्ठभूमि
यह बयान उस मुलाकात के बाद आया है जब रविवार को राज ठाकरे ‘मातोश्री’ गए थे और उद्धव ठाकरे से विस्तार से बातचीत की। इससे पहले दोनों नेता राउत के पोते के नामकरण समारोह में भी मिले थे। पिछले कुछ महीनों में यह पांचवीं बार है जब दोनों चचेरे भाई सार्वजनिक रूप से साथ नजर आए हैं, जिससे राजनीतिक गलियारों में संभावित गठबंधन की चर्चाएं तेज हो गई हैं।
क्या मनसे बनेगी एमवीए का हिस्सा?
संजय राउत ने मनसे के महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में शामिल होने के सवाल पर कहा, “यह फैसला राज ठाकरे को करना है। एमवीए का गठन विधानसभा चुनाव के लिए हुआ था, नगर निकाय चुनावों के लिए नया फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है।” उन्होंने साफ किया कि मनसे एक स्वतंत्र पार्टी है, लेकिन राज ठाकरे के अन्य एमवीए नेताओं से भी अच्छे संबंध हैं।
भाजपा पर निशाना
संजय राउत ने इस मौके पर भाजपा पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा,
“मुंबई का अगला महापौर असली भगवा वाला मराठी होगा, न कि वह जो दिल्ली के आगे झुकता हो।”
उनका इशारा भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर था, जिससे शिवसेना (उबाठा) लगातार टकराव की स्थिति में रही है।
मनसे की प्रतिक्रिया
हालांकि, मनसे के एक नेता ने गठबंधन की खबरों को ठंडा करते हुए कहा कि राज ठाकरे सिर्फ पास में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद ‘मातोश्री’ गए थे और वहां कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि 27 नगर निकायों में सीटों और पैनलों पर गहराई से चर्चा जरूरी है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर राजनीतिक समीकरण अलग-अलग होते हैं।
