भौतिक प्रगति की दौड़ में नैतिकता, सत्य और अहिंसा की राह दिखाते गांधी विचार
संवाददाता बाराबंकी, 5 अक्टूबर: गांधी जयन्ती सप्ताह के अवसर पर गांधी जयन्ती समारोह ट्रस्ट द्वारा आयोजित भाषण प्रतियोगिता में बच्चों ने महात्मा गांधी के आदर्शों की प्रासंगिकता को लेकर जो विचार व्यक्त किए, वे न केवल भावुक कर देने वाले थे, बल्कि आज की पीढ़ी में गांधी विचार की गहराई और समझ को भी दर्शाते हैं। कार्यक्रम में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने सत्य, अहिंसा, नैतिकता और आत्मबल जैसे मूल्यों की अहमियत पर जोर देते हुए यह संदेश दिया कि गांधीजी के विचार केवल इतिहास का हिस्सा नहीं, बल्कि वर्तमान और भविष्य का भी मार्गदर्शन हैं।
प्रतियोगिता में दो वर्गों – जूनियर और सीनियर – के बच्चों ने भाग लिया। जूनियर ग्रुप का विषय था “हमारे जीवन में गांधी”, जबकि सीनियर ग्रुप के प्रतिभागियों ने “महात्मा गांधी को जैसा मैंने जाना” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए। बच्चों ने गांधीजी के विचारों को अपने जीवन से जोड़ते हुए यह बताया कि आधुनिक समाज में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता क्यों बढ़ गई है।
प्रतियोगिता के विजेता इस प्रकार रहे:
जूनियर ग्रुप में:
प्रथम स्थान: साइमा सना – जमील उर रहमान किदवई इस्लामिया गर्ल्स कॉलेज
द्वितीय स्थान: शाभ्यम निगम – राजकीय इंटर कॉलेज
तृतीय स्थान: इल्तिमा अंसारी – पायनियर मांटेसरी हाई स्कूल
सीनियर ग्रुप में:
प्रथम स्थान: मोहिनी गोस्वामी – जमील उर रहमान किदवई इस्लामिया गर्ल्स कॉलेज
द्वितीय स्थान: इरम फातिमा – पायनियर मांटेसरी हाई स्कूल
तृतीय स्थान: आयुषी वर्मा – जमील उर रहमान किदवई इस्लामिया गर्ल्स कॉलेज
प्रतियोगिता का मूल्यांकन वरिष्ठ अधिवक्ता एवं गांधीवादी विचारक शऊर कामिल किदवाई और जिला उपभोक्ता फोरम के पूर्व न्यायिक सदस्य हुमायूं नईम खान द्वारा किया गया। संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन धीरेन्द्र वर्मा, गांधी ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनाथ शर्मा, विनय कुमार सिंह, अशोक कुमार शुक्ला, मृत्युंजय शर्मा, नीरज दूबे, सत्यवान वर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
प्रतिभागी बच्चों ने अपने भाषणों में गांधी जी की वाणी, उनके व्यवहार और उनके विचारों की प्रासंगिकता को सरल शब्दों में प्रस्तुत किया। मोहिनी गोस्वामी और साइमा सना जैसी प्रतिभागियों ने अपने प्रभावशाली वक्तव्यों से दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने बताया कि आज जब समाज में असहिष्णुता और भौतिकता का बोलबाला है, गांधीजी के सिद्धांत हमें आत्मचिंतन, आत्मसंयम और सच्चाई की ओर लौटने की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम में यह भावना उभरकर सामने आई कि गांधीजी के सत्य और अहिंसा जैसे मूल्यों को अपनाकर न केवल व्यक्तिगत जीवन को संवार सकते हैं, बल्कि समाज में स्थायी शांति और समरसता भी स्थापित की जा सकती है।
इस आयोजन ने न केवल छात्रों को गांधी विचारों से जोड़ने का कार्य किया, बल्कि समाज में एक नैतिक चेतना जाग्रत करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह भाषण प्रतियोगिता एक अवसर बनी जहां नई पीढ़ी ने गांधीजी को नए दृष्टिकोण से समझा और उनके विचारों को आत्मसात करने की प्रेरणा पाई।
News By- Khadim Abbas Rizvi
