दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग जिले में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण एक बड़े भूस्खलन की घटना हुई, जिसमें कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। भूस्खलन की वजह से कई मकान और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है। साथ ही, भूस्खलन के चलते सिक्किम से दार्जिलिंग का संपर्क भी कट गया है।
आपदा प्रबंधन विभाग ने तुरंत राहत और बचाव अभियान शुरू किया। सेना और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में लगी हैं। उन्होंने मलबे के नीचे फंसे लोगों को खोजने और सुरक्षित निकालने के लिए विशेष उपकरणों का इस्तेमाल किया। अभी भी कई लोग लापता हैं और उनकी तलाश जारी है। कारण यातायात बाधित हो गया है और कई मार्गों को बंद कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जोखिम वाले क्षेत्रों में न जाएँ और सुरक्षित स्थानों पर रहें। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले 24 घंटे में और बारिश की संभावना है, इसलिए सतर्क रहना आवश्यक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, दार्जिलिंग और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से असामान्य रूप से भारी बारिश हुई है, जो भू-स्खलन के लिए एक प्रमुख कारण बनी। जलवायु परिवर्तन और पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के चलते इस तरह की आपदाएँ बढ़ती जा रही हैं।
स्थानीय लोग राहत और बचाव कार्य में स्वयंसेवी के रूप में भाग ले रहे हैं। राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने की घोषणा की है और प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्य शुरू किया है।
भूस्खलन की यह घटना न केवल दार्जिलिंग बल्कि पूरे पहाड़ी क्षेत्र में आपदा प्रबंधन और सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए लंबी अवधि की योजना और सतत निगरानी आवश्यक है।
