नई दिल्ली, 4 अक्टूबर : बिहार के प्रमुख राजनीतिक दलों ने शनिवार को निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव छठ पूजा के तुरंत बाद और कम से कम चरणों में कराए जाएं, ताकि मतदाताओं की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
यह आग्रह आयोग के अधिकारियों द्वारा पटना की दो दिवसीय चुनावी तैयारियों की समीक्षा यात्रा के दौरान आयोजित बैठक में किया गया। बैठक में छह राष्ट्रीय और छह राज्य स्तरीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। आयोग की ओर से मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार, निर्वाचन आयुक्त एस.एस. संधू और विवेक जोशी मौजूद थे।
राज्य की 243 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, ऐसे में चुनाव अक्टूबर के अंत या नवंबर की शुरुआत में संभावित हैं। ऐसे में छठ के तुरंत बाद पहले चरण की वोटिंग कराए जाने की संभावना जताई जा रही है।
छठ पूजा, जो इस वर्ष 25 से 28 अक्टूबर के बीच मनाया जाएगा, बिहार का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक पर्व है। इस दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में काम करने वाले हजारों प्रवासी बिहारवासी अपने घर लौटते हैं। राजनीतिक दलों का मानना है कि यही समय चुनाव के लिए सबसे उपयुक्त होगा, क्योंकि इससे ज्यादा संख्या में मतदाता मतदान कर पाएंगे।
राजनीतिक दलों ने चुनाव अधिक से अधिक एक या दो चरणों में संपन्न कराने की भी मांग की, जिससे चुनावी खर्च, प्रशासनिक दबाव और सुरक्षा चुनौतियों को कम किया जा सके। साथ ही, त्योहारों के बीच लंबी चुनावी प्रक्रिया से मतदाताओं की उदासीनता को भी रोका जा सके।
गौरतलब है कि पिछला विधानसभा चुनाव 2020 में कोविड-19 महामारी के बीच तीन चरणों में कराया गया था। इस बार राजनीतिक दल चाहते हैं कि सामान्य स्थिति को देखते हुए चुनाव प्रक्रिया को सरल, त्वरित और समावेशी बनाया जाए।
चुनाव आयोग की टीम ने राज्य में चुनावी तैयारियों की जमीनी समीक्षा भी की और जिलों के अधिकारियों के साथ बैठक कर लॉजिस्टिक, सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया।
