नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा पट्टी में जारी संघर्ष के समाधान की दिशा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की है। पीएम मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि गाजा में शांति बहाली की दिशा में हो रही प्रगति स्वागतयोग्य है और भारत, हर उस पहल का समर्थन करता है जो स्थायी और न्यायसंगत समाधान की ओर बढ़ती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में लिखा, “गाजा में शांति प्रयासों में निर्णायक प्रगति के बीच हम राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व का स्वागत करते हैं। बंधकों की रिहाई के संकेत एक महत्वपूर्ण कदम हैं। भारत स्थायी और न्यायसंगत शांति की दिशा में सभी प्रयासों का दृढ़ता से समर्थन करता रहेगा।”
ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में गाजा में संघर्षविराम के लिए 20 सूत्रीय शांति प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव को इस्राइल सरकार ने पहले ही स्वीकार कर लिया है, जबकि हमास ने भी कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सहमति जताई है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है—7 अक्तूबर 2023 को अगवा किए गए इस्राइली बंधकों की रिहाई और गाजा की सत्ता का हस्तांतरण अन्य फलस्तीनी गुटों को सौंपना।
हालांकि, प्रस्ताव के कुछ अन्य पहलुओं पर हमास ने अंतिम निर्णय से पहले चर्चा की बात कही है। राष्ट्रपति ट्रंप ने हमास को रविवार शाम छह बजे तक का अल्टीमेटम दिया था, जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि अगर शांति प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। ट्रंप की इस सख्त चेतावनी के बाद हमास बंधकों को रिहा करने पर राजी हो गया है।
गौरतलब है कि हमास के पास अभी भी इस्राइल के 48 बंधक हैं, जिनमें से करीब 20 की मौत हो चुकी है। समझौते के तहत 72 घंटे के भीतर बंधकों की रिहाई की योजना बनाई गई है। बदले में इस्राइल गाजा में सैन्य कार्रवाई रोकने और सेना की चरणबद्ध वापसी के लिए सहमत हो गया है।
यह समझौता न केवल गाजा में शांति स्थापना की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। भारत की ओर से इस प्रयास को खुला समर्थन देना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी स्थायी शांति और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
