आगरा: उटंगन नदी हादसे में लापता सात युवकों को न मिलने पर भड़के ग्रामीण, SDM की गाड़ी तोड़ी, भाजपा नेताओं की तस्वीरों पर पोती कालिख

आगरा (उत्तर प्रदेश): दशहरे के दिन देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान उटंगन नदी में डूबे खेरागढ़ के कुसियापुर गांव के 13 में से सात युवकों का अब तक कोई पता नहीं चला है, जिससे गांव में उबाल और गुस्सा चरम पर पहुंच गया है। प्रशासन की निष्क्रियता और राहत कार्यों में देरी को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने एसडीएम की गाड़ी क्षतिग्रस्त कर दी और भाजपा नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पोस्टरों पर कालिख पोत दी।

हादसे की पृष्ठभूमि

गुरुवार दोपहर करीब 1 बजे, प्रतिमा विसर्जन के लिए गांव के 13 युवक प्रशासन द्वारा बनाए गए कुंड को छोड़कर 300 मीटर दूर गहरे पानी में चले गए, जहां वे एक-एक कर डूबने लगे। विष्णु (20) को मौके पर ही बचा लिया गया, लेकिन 12 अन्य युवक लापता हो गए। रात तक गगन, ओमपाल और मनोज के शव बरामद किए जा सके। शुक्रवार को भगवती और अभिषेक के शव मिलने से मृतकों की संख्या पांच हो गई, जबकि सात युवक अब भी लापता हैं।

ग्रामीणों का फूटा गुस्सा

शुक्रवार सुबह 6 बजे जब एसडीएम संदीप यादव घटनास्थल से रवाना हो रहे थे, तो गुस्साए ग्रामीणों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया और पत्थर मारकर शीशा तोड़ दिया। इसके बाद ऊंटगिरि चौराहे पर जाम लगा दिया गया, और बीजेपी सांसद राजकुमार चाहर तथा जिलाध्यक्ष प्रशांत पौनिया के पोस्टरों पर कालिख पोत दी गई। लोगों का आरोप है कि हादसे के बाद सरकार की ओर से कोई ठोस सहायता या मुआवजा घोषित नहीं किया गया, जिससे पीड़ित परिवारों को राहत नहीं मिल पाई।

सर्च ऑपरेशन में सेना की एंट्री

राहत कार्यों की जिम्मेदारी एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के बाद अब सेना की 50 पैरा ब्रिगेड की 411 पैरा फील्ड यूनिट को सौंप दी गई है। सेना की 19 सदस्यीय टीम ने शुक्रवार दोपहर से सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जो देर रात तक जारी रहा।

गांव में मातम और आक्रोश

शुक्रवार शाम जब पांच मृतकों के शव गांव पहुंचे, तो गांव का माहौल शोक से भर गया। लेकिन शोक जल्द ही गुस्से में बदल गया, और ग्रामीणों ने शवों का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक सभी लापता युवक नहीं मिलते, तब तक वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। ग्रामीणों ने दोबारा सड़क पर कंडे डालकर जाम लगा दिया। बाद में पुलिस और प्रशासन की समझाइश के बाद वे अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए और रात करीब 9 बजे पांचों शवों का अंतिम संस्कार किया गया।

जनप्रतिनिधियों का विरोध

घटनास्थल पर पहुंचे सांसद और जिलाध्यक्ष का ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। उन्हें घेरकर नारेबाजी की गई और पूछा गया कि हादसे के 24 घंटे बाद भी ठोस मदद क्यों नहीं दी गई। लोगों ने साफ कहा कि वे केवल प्रभावी राहत कार्य और मुआवजे की घोषणा चाहते हैं।

मुख्यमंत्री ने जताया शोक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख जताया है और जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि घायलों का समुचित इलाज कराया जाए। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं, हालांकि मुआवजे को लेकर कोई औपचारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है।

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