नई दिल्ली: भारत और चीन ने लगभग पांच वर्ष की निलंबित स्थिति के बाद सीधी हवाई सेवा पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है। दोनों देशों के बीच 2020 में COVID-19 महामारी और सीमा तनाव के कारण उड़ानें बंद कर दी गई थीं। अब नई उड़ान सेवा 26 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ होगी, बशर्ते वाणिज्यिक एयरलाइंस आवश्यक अनुमतियाँ प्रदान करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम कूटनीति में नरमी और दोनों देशों के बीच संवाद बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया चीन यात्रा और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात ने भी इस दिशा में अहम भूमिका निभाई है। भारत ने सीमा शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता जताई है और साथ ही दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारियों को पुनर्जीवित करने का अवसर तलाशा जा रहा है।
हवाई संपर्क बहाल होने से व्यापार, पर्यटन और लोगों के संपर्क के अवसर बढ़ेंगे। इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइनें दिल्ली-गुआंगझू और कोलकाता-गुआंगझू मार्ग पर उड़ानें शुरू करेंगी। इसके माध्यम से व्यवसायिक यात्रियों और छात्रों को भी सीधे मार्ग का लाभ मिलेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह सकारात्मक संकेत है कि भारत-चीन रिश्ते तनावपूर्ण दौर से निकलकर सामान्य स्थिति की ओर लौट सकते हैं। हालांकि, सीमा विवाद, व्यापार प्रतिबंध और रणनीतिक मुद्दों पर संतुलित रुख बनाए रखना आवश्यक होगा।
कुल मिलाकर, यह कदम न केवल दोनों देशों के आर्थिक और सामाजिक संपर्क को बढ़ावा देगा, बल्कि दक्षिण एशिया में स्थिरता और सहयोग के संकेत भी देगा। दोनों देशों के बीच बातचीत और हवाई संपर्क के पुनः आरंभ से क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी सकारात्मक असर देखने को मिल सकता है।
