नई दिल्ली, 30 सितंबर — राजधानी दिल्ली के एक प्रतिष्ठित निजी संस्थान में 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के गंभीर मामले में आरोपी स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार कर लिया है। फरार चल रहे आरोपी को रविवार को पकड़ा गया और अब उससे गहन पूछताछ की जा रही है। पुलिस जांच में हैरान कर देने वाले कई खुलासे हुए हैं।
गुप्त निगरानी और अश्लील व्यवहार
पुलिस के अनुसार, चैतन्यानंद सरस्वती छात्राओं और महिला कर्मचारियों की गुप्त रूप से तस्वीरें खींचता था और उनके साथ अश्लील बातचीत करता था। उसके मोबाइल फोन से यह भी पता चला कि वह एक सीसीटीवी मॉनिटरिंग ऐप के माध्यम से संस्थान के परिसर और छात्रावास में छात्राओं की निगरानी करता था।
एक अधिकारी ने बताया, “उसके फोन से कई आपत्तिजनक चैट्स और तस्वीरें बरामद की गई हैं, जिनमें वह महिलाओं को रिझाने की कोशिश करता हुआ दिखाई देता है। एक बातचीत में उसने एक महिला से गले लगाने और चूमने वाले इमोजी भेजे और उसे ऑनलाइन भुगतान करने का भी प्रमाण मिला है।”
महिलाओं को झूठे वादों से फंसाता था
पुलिस ने बताया कि आरोपी अक्सर महिलाओं को एयर होस्टेस या संस्थान में नौकरी दिलाने का झांसा देता था और इसी बहाने बातचीत की शुरुआत करता था। उसका कार्यालय एक महंगे होटल की तर्ज पर बनाया गया था ताकि वहां आने वाली महिलाओं पर प्रभाव डाला जा सके।
महंगे तोहफों से लुभाने की कोशिश
जांच में सामने आया है कि चैतन्यानंद महिलाओं को महंगे गहने और उपहार देता था। साथ ही, योग करते हुए अपनी तस्वीरें और वीडियो उन्हें भेजने के लिए कहता था।
तीन महिला सहयोगियों पर भी आरोप
पुलिस ने बताया कि आरोपी बाबा की तीन महिला सहयोगियों — जो आपस में बहनें हैं — को भी जांच में शामिल किया गया है। इनमें से एक संस्थान की डीन और दो अन्य छात्रावास की वार्डन हैं। इन तीनों पर छात्राओं को धमकाने और उनसे अश्लील संदेश डिलीट करवाने का आरोप है।
फरारी के दौरान विदेशी नंबरों का किया इस्तेमाल
पुलिस अधिकारी के अनुसार, फरारी के दौरान चैतन्यानंद ने लंदन के फोन नंबरों का इस्तेमाल किया ताकि उसकी लोकेशन ट्रेस न की जा सके। हालांकि, तकनीकी निगरानी और आईपी एड्रेस ट्रैकिंग के ज़रिए पुलिस ने उसकी सही लोकेशन का पता लगा लिया।
प्रभावशाली नामों का सहारा लेकर गुमराह करने की कोशिश
पूछताछ के दौरान चैतन्यानंद ने खुद को बचाने के लिए कई बार प्रभावशाली हस्तियों के नाम लिए। उसने यहां तक दावा किया कि उसके प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से संपर्क हैं और भारत के प्रधान न्यायाधीश का नाम लेकर पुलिस को धमकाने की कोशिश की।
पश्चाताप नहीं, सहयोग से भी कर रहा इनकार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है। वह बार-बार झूठ बोलता है और जब उसे ठोस डिजिटल सबूत दिखाए जाते हैं, तब भी वह गोलमोल जवाब देता है। अधिकारियों का कहना है कि चैतन्यानंद को अपने कृत्य पर कोई पछतावा नहीं है।
घटनास्थल की पहचान कराई गई
सोमवार को पुलिस चैतन्यानंद को संस्थान परिसर में ले गई, जहां उससे उन स्थानों की पहचान करवाई गई, जहां उसने कथित तौर पर छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया था।
इस मामले की जांच जारी है और पुलिस आने वाले दिनों में और भी खुलासे कर सकती है। पीड़ित छात्राओं की पहचान को गुप्त रखा गया है और उन्हें काउंसलिंग तथा सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।
