निर्वाचन आयोग ने हमारी आशंकाओं को दूर नहीं किया, सीईसी का रवैया आक्रामक था : अभिषेक बनर्जी

निर्वाचन आयोग ने हमारी आशंकाओं को दूर नहीं किया, सीईसी का रवैया आक्रामक था : अभिषेक बनर्जी

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर । तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने बुधवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर निर्वाचन आयोग उनकी पार्टी की चिंताओं को दूर करने में विफल रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि अंतिम मतदाता सूची में “विसंगतियां” पाई जाती हैं, तो तृणमूल कांग्रेस उसे स्वीकार नहीं करेगी और इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेगी।

तृणमूल कांग्रेस के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बनर्जी ने कहा, “अगर अंतिम मतदाता सूची में विसंगतियां हैं, तो हम इसे क्यों स्वीकार करेंगे? हम इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।”

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि चुनावों में ‘वोट चोरी’ ईवीएम के माध्यम से नहीं, बल्कि मतदाता सूची के जरिए हो रही है। उन्होंने दावा किया कि यदि विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को पहले आक्रामक रूप से उठाया होता, तो महाराष्ट्र, हरियाणा और बिहार जैसे राज्यों में नतीजे अलग हो सकते थे।

बनर्जी ने बताया कि बैठक के दौरान उन्होंने निर्वाचन आयोग के समक्ष मतदाता सूची के मसौदे को लेकर कई गंभीर चिंताएं रखीं, जिनमें 1.36 करोड़ मतदाताओं को तलब किए जाने का मुद्दा भी शामिल था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बैठक के दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) का रवैया “आक्रामक” था।

उन्होंने कहा, “जब हमने अपनी बात रखनी शुरू की, तो वह (सीईसी) अपना आपा खोने लगे। मैंने कहा कि आप मनोनीत हैं और मैं निर्वाचित हूं। अगर उनमें हिम्मत है, तो बैठक की फुटेज जारी की जाए।”

अभिषेक बनर्जी ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को बदनाम करने के लिए घुसपैठ का डर जानबूझकर फैलाया जा रहा है। उन्होंने निर्वाचन आयोग को चुनौती देते हुए कहा कि मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए 58 लाख मतदाताओं में से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की सूची सार्वजनिक की जाए।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मतदाता सूची का दुरुपयोग किया जा रहा है और सभी समान विचारधारा वाली राजनीतिक पार्टियों से इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की अपील की।

बनर्जी ने कहा, “मैं सभी से अपील करता हूं कि ‘वोट चोरी’ मतदाता सूची में हो रही है, ईवीएम के जरिए नहीं। आपको नहीं पता कि लोगों को मताधिकार से वंचित करने के लिए कौन सा एल्गोरिदम या सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जा रहा है। मतदाता सूची को एक हथियार की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है।”

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “पहले मतदाता सरकार चुनते थे, अब सरकार मतदाताओं को चुन रही है।”

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