प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में अयोध्या में व्यापक परिवर्तन आया: योगी आदित्यनाथ

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में अयोध्या में व्यापक परिवर्तन आया: योगी आदित्यनाथ

अयोध्या (उप्र), 31 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले एक दशक के दौरान अयोध्या की स्थिति में ऐतिहासिक और व्यापक बदलाव आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आजादी के बाद लंबे समय तक तुष्टीकरण की राजनीति और धार्मिक कट्टरता से प्रेरित लोगों के कारण अयोध्या को अशांति और संघर्ष का केंद्र बना दिया गया था।

मुख्यमंत्री अयोध्या में एक धार्मिक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे, जिन्होंने राम मंदिर परिसर स्थित अन्नपूर्णा मंदिर में ध्वजारोहण किया और रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित पूजा-अर्चना में भाग लिया।

आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में राजनाथ सिंह की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि लगभग 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूरे देश के लिए गर्व और गहन भावनात्मक संतुष्टि का क्षण था। उन्होंने कहा कि सिंह राज्य सरकार और संगठन में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए राम जन्मभूमि आंदोलन से लगातार जुड़े रहे और ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के अवसर पर अन्नपूर्णा मंदिर में ध्वजारोहण के दौरान वे भावुक भी दिखाई दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद अयोध्या ने राम जन्मभूमि आंदोलन के कई उतार-चढ़ाव भरे चरण देखे। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यक्तिगत स्वार्थ, धार्मिक कट्टरता और तुष्टीकरण की राजनीति के चलते यह पवित्र नगरी एक समय अशांति और संघर्ष का गढ़ बन गई थी।

आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सफल नेतृत्व में हालात पूरी तरह बदल गए हैं। उन्होंने कहा, “अयोध्या का नाम ही यह दर्शाता है कि यह युद्ध से रहित नगरी रही है, क्योंकि इसकी वीरता, शक्ति और गौरव के सामने कोई भी शत्रु टिक नहीं सका। बावजूद इसके, कुछ लोगों ने अपने स्वार्थों के चलते इसे अशांति का केंद्र बनाने का प्रयास किया।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीते वर्षों में तीन ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं देखी हैं, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने बताया कि इनकी शुरुआत पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन से हुई, इसके बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ और इसी वर्ष 25 नवंबर को मंदिर के मुख्य शिखर पर धर्मध्वज फहराया गया।

आदित्यनाथ ने कहा कि मंदिर पर धर्मध्वज फहराने से पूरी दुनिया को यह सशक्त संदेश गया कि सनातन धर्म भारत की आध्यात्मिक चेतना का मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा, “आज देश और दुनिया का कोई भी श्रद्धालु ऐसा नहीं है, जो अयोध्या आकर अभिभूत न होता हो।”

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों के भीतर 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम के दर्शन के लिए आ चुके हैं, जो इस पवित्र नगरी को वैश्विक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करता है।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *