बेंगलुरु में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने स्वदेशी हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव एनजी’ को हरी झंडी दिखाई

बेंगलुरु में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने स्वदेशी हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव एनजी’ को हरी झंडी दिखाई

बेंगलुरु, 30 दिसंबर  – स्वदेशी एयरोस्पेस विनिर्माण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में अगली पीढ़ी के बहु-भूमिका वाले असैन्य हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव एनजी’ ने मंगलवार को बेंगलुरु में अपनी पहली उड़ान भरी। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा डिजाइन और निर्मित इस हेलीकॉप्टर को आयातित दो इंजन वाले हल्के हेलीकॉप्टरों के विकल्प के तौर पर विकसित किया गया है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने हेलीकॉप्टर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उड़ान से पहले मंत्री ने पूजा-अर्चना की और आरती भी की। इसके बाद उन्होंने पायलट के साथ कॉकपिट में बैठकर हेलीकॉप्टर की उन्नत प्रणालियों और विशेषताओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।

सभा को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि ‘ध्रुव एनजी’ भारतीय विमानन इतिहास में एक मील का पत्थर है। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए एचएएल के डिजाइनरों, इंजीनियरों, तकनीशियनों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एचएएल अब केवल रक्षा क्षेत्र तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि नागरिक विमानन के क्षेत्र में भी एक मजबूत संस्थान के रूप में उभर रहा है।

मंत्री ने कहा, “ध्रुव एनजी केवल एक मशीन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के प्रति हमारी क्षमता, आत्मविश्वास और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।” उन्होंने बताया कि स्वदेशी शक्ति इंजन को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से टाइप सर्टिफिकेट मिलना नागरिक विमानन क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है।

अधिकारियों के अनुसार, ध्रुव एनजी एक 5.5 टन का हल्का, दो इंजन वाला और बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर है, जिसे भारत के विविध और चुनौतीपूर्ण भूभाग को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें नागरिक-प्रमाणित ग्लास कॉकपिट, अत्याधुनिक एवियोनिक्स, उन्नत इलेक्ट्रॉनिक चेतावनी प्रणालियां और कंपन नियंत्रण प्रणाली मौजूद है, जिससे यह वीआईपी परिवहन और चिकित्सा सेवाओं के लिए उपयुक्त बनता है।

हेलीकॉप्टर की अधिकतम टेक-ऑफ क्षमता 5,500 किलोग्राम, अधिकतम गति लगभग 285 किमी प्रति घंटा, रेंज करीब 630 किमी और उड़ान सहनशक्ति लगभग तीन घंटे 40 मिनट है। यह लगभग 6,000 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है। इसमें चार से छह यात्रियों के लिए विशेष सुविधा है, जबकि अधिकतम 14 यात्रियों को ले जाने की क्षमता है। एयर एम्बुलेंस के रूप में इसमें चार स्ट्रेचर, एक चिकित्सक और एक सहायक की व्यवस्था भी है।

एचएएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डी.के. सुनील ने बताया कि इंजन का निर्माण एचएएल द्वारा किया गया है और इसे औपचारिक नागरिक प्रमाणीकरण मिल चुका है, जिससे असैन्य तैनाती का दायरा और बढ़ेगा।

नायडू ने कहा कि ओएनजीसी के लिए पवन हंस को 10 हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति का अनुबंध अंतिम चरण में है। इसके अलावा कर्नाटक सरकार और सीमा सुरक्षा बल ने भी इन हेलीकॉप्टरों में रुचि दिखाई है। उन्होंने अनुमान जताया कि अगले 10 से 15 वर्षों में देश में 1,000 से अधिक हेलीकॉप्टरों का निर्माण किया जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और नागरिक विमानन को नई मजबूती मिलेगी।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *