त्रिपुरा छात्र एंजेल चकमा की हत्या: परिवार ने कठोर सजा की मांग की

त्रिपुरा छात्र एंजेल चकमा की हत्या: परिवार ने कठोर सजा की मांग की

अगरतला, 30 दिसंबर  – त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा (24) के परिजनों ने उनकी हत्या में शामिल सभी आरोपियों के लिए मृत्युदंड या कम से कम आजीवन कारावास की मांग की है।

एंजेल, जो उनाकोटी जिले के मचमारा के निवासी थे, ने अगरतला के होली क्रॉस स्कूल से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमबीए करने के लिए देहरादून के एक निजी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था। 9 दिसंबर को कुछ युवकों ने उन पर चाकू से हमला किया, जिसके कारण वे 17 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे और 26 दिसंबर को उनका निधन हो गया।

एंजेल के मामा मोमेन चकमा ने बताया कि एंजेल की आखिरी इच्छा नेपाल जाकर हिमपात देखना थी। मोमेन ने कहा, “एंजेल ने इसके लिए विशेष जूते मंगवाए थे। जूते आ गए, लेकिन वह उन्हें देख भी नहीं पाया क्योंकि तब तक वह आईसीयू में था। मैं उसकी अधूरी इच्छा पूरी करने के लिए ये जूते लेकर नेपाल जाऊंगा।”

मोमेन ने कहा कि परिवार इस जघन्य हत्या से टूट चुका है और आरोपियों के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास चाहिए। उन्होंने आगे कहा, “एंजेल बार-बार कहता था कि वह भारतीय है, लेकिन हमलावरों ने बेरहमी से उसकी पीठ में दो बार चाकू मारा और गर्दन तोड़ दी, जिससे उसकी 17 दिनों तक जिंदगी के लिए लड़ाई के बाद मृत्यु हो गई।”

परिवार ने सरकार से यह भी अपील की कि पूर्वोत्तर के लोगों को नस्लीय घृणा का सामना न करना पड़े। मोमेन ने बताया कि एंजेल अपने अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा के बाद नौकरी शुरू करने वाले थे। पहले वर्ष में 80 प्रतिशत अंक हासिल करने के कारण उन्हें ‘प्लेसमेंट’ के माध्यम से नौकरी का प्रस्ताव मिला था। उन्होंने अपने पिता, बीएसएफ जवान तरुण प्रसाद चकमा से कहा था कि नौकरी मिलने के बाद वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेंगे।

परिवार इस घटना से मानसिक और आर्थिक रूप से प्रभावित है। एंजेल के पिता ने अगरतला के बाहरी इलाके नंदननगर में नया घर खरीदा था और इसके लिए भारी कर्ज लिया था। वहीं, एंजेल ने एमबीए के लिए शिक्षा ऋण लिया था। मोमेन ने कहा, “26 दिसंबर की दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने हमारे सपनों को पूरी तरह से तोड़ दिया।”

त्रिपुरा के समाज कल्याण मंत्री टिंकू रॉय ने एंजेल की मां गौरी मति चकमा से मुलाकात की और उन्हें 9.12 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। इसमें 5 लाख रुपये त्रिपुरा सरकार और 4.12 लाख रुपये उत्तराखंड सरकार द्वारा दिए गए हैं।

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *