लखनऊ। सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने युवाओं को राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान करते हुए कहा है कि राजनीति से दूरी तटस्थता नहीं, बल्कि अपने भविष्य को दूसरों के हाथ सौंपने जैसा है। रविवार को सोशल मीडिया के माध्यम से जारी अपने संदेश में उन्होंने युवाओं को चेताया कि यदि वे राजनीति से दूर रहेंगे, तो नीति-निर्माण में उनकी आवाज कमजोर होती जाएगी।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि राजनीति केवल सत्ता का माध्यम नहीं है, बल्कि शिक्षा, रोजगार, तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), पर्यावरण, कानून और विकास से जुड़े वे फैसले यहीं होते हैं, जो युवाओं के अगले 30 से 40 वर्षों का भविष्य तय करते हैं। उन्होंने कहा,
“अगर युवा राजनीति से दूर रहेंगे, तो राजनीति युवाओं के भविष्य से दूर हो जाएगी।”
क्यों जरूरी है युवाओं की राजनीतिक भागीदारी
डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में कोई स्थान खाली नहीं रहता। यदि जागरूक और योग्य युवा आगे नहीं आएंगे, तो अवसरवादी और गैर-जवाबदेह लोग निर्णय प्रक्रिया पर कब्जा कर लेंगे। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है और लोकतंत्र में संख्याबल ही सबसे बड़ी ताकत है।
डॉ. सिंह ने स्पष्ट किया कि केवल सोशल मीडिया पर सक्रिय रहना राजनीति का विकल्प नहीं है, क्योंकि वास्तविक बदलाव संविधान, कानून, नीतियों और बजट के जरिए आता है।



युवाओं को दिए व्यावहारिक सुझाव
डॉ. राजेश्वर सिंह ने युवाओं को अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बहुमुखी कौशल विकसित करने की सलाह दी, खासकर AI, तकनीक और हरित कौशलों के क्षेत्र में। उन्होंने संविधान और कानूनों की समझ बढ़ाने, मतदान में भाग लेने, नेताओं से सवाल पूछने और जवाबदेही तय करने पर जोर दिया।
इसके साथ ही उन्होंने छात्र संघों, सामाजिक संगठनों और स्थानीय निकायों के माध्यम से जमीनी राजनीति से जुड़ने की अपील की। फेक न्यूज से दूर रहने, तर्कपूर्ण सोच अपनाने और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की भी सलाह दी।
जाति और भ्रम की राजनीति से सावधान रहने की चेतावनी
डॉ. सिंह ने युवाओं को जातिवादी राजनीति, झूठे वादों और नफरत फैलाने वाली सोच से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा,
“जो युवा जाति, झूठ और भ्रम में फंसता है, उसका भविष्य कोई और लिखता है।”
युवा जागेगा तो नीति बदलेगी
अपने संदेश के अंत में उन्होंने कहा,
“राजनीति से दूरी तटस्थता नहीं, आत्मसमर्पण है। युवा जागेगा, तो नीति बदलेगी और भारत मजबूत बनेगा।”
उन्होंने युवाओं से विकास, राष्ट्रप्रेम और जिम्मेदारी का मार्ग चुनने का आह्वान किया।
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