‘तार्किक विसंगतियों’ के नाम पर चिह्नित मतदाताओं की सूची मांगेगा तृणमूल कांग्रेस : अभिषेक बनर्जी

‘तार्किक विसंगतियों’ के नाम पर चिह्नित मतदाताओं की सूची मांगेगा तृणमूल कांग्रेस : अभिषेक बनर्जी

कोलकाता, 27 दिसंबर  – तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को कहा कि वह 31 दिसंबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार से मुलाकात कर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के दौरान “तार्किक विसंगतियों” के लिए चिह्नित किए गए 1.31 करोड़ मतदाताओं की सूची प्रकाशित करने की मांग करेंगे।

कोलकाता में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बनर्जी ने कहा कि वह निर्वाचन आयोग को सूची सार्वजनिक करने के लिए एक समय-सीमा देंगे और यदि उनकी मांग पूरी नहीं की गई तो आयोग के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। उन्होंने सवाल उठाया, “निर्वाचन आयोग नामों की सूची क्यों जारी नहीं कर रहा है? क्या यह बंगाल में एसआईआर के बाद भाजपा द्वारा 1 से 1.5 करोड़ नाम हटाने के लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश है?”

उन्होंने कहा, “ज्ञानेश कुमार मुख्य निर्वाचन आयुक्त हैं और वह देश की जनता के प्रति जवाबदेह हैं। मैं 31 दिसंबर को दिल्ली जाकर उनसे जवाब मांगूंगा।”

अधिकारियों के अनुसार, 16 दिसंबर को प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची में करीब 1.36 करोड़ प्रविष्टियों को “तार्किक विसंगतियों” के आधार पर चिह्नित किया गया है, जबकि लगभग 30 लाख मतदाताओं को “अमान्य” घोषित किया गया है। इन मतदाताओं को आने वाले हफ्तों में सत्यापन सुनवाई के लिए बुलाया जाएगा।

बताया गया कि “तार्किक विसंगतियों” में पिता के नाम में त्रुटि या बेमेल, छह से अधिक बच्चों वाले मतदाताओं का पंजीकरण, माता-पिता या दादा-दादी के साथ उम्र का अस्वाभाविक अंतर, और 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को गलत तरीके से “नए मतदाता” के रूप में दर्ज करना शामिल है।

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर के तहत मसौदा मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद हटाए गए 58.20 लाख नामों में से कितने अवैध बांग्लादेशी या रोहिंग्या हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की कुल जनसंख्या 10.05 करोड़ है और केवल 5.79 प्रतिशत मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जो एसआईआर लागू करने वाले सभी राज्यों में सबसे कम है।

उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार का एजेंडा राज्य के लोगों को परेशान करना है। बनर्जी ने यह भी दावा किया कि कई मामलों में जीवित और स्वस्थ लोगों को भी मतदाता सूची में मृत दर्शाया गया है।

उन्होंने कहा, “निर्वाचन आयोग के खिलाफ प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की जानी चाहिए? आप एसआईआर के जरिए चुनाव जीतने की कोशिश कर रहे हैं। लोग कानूनी जवाब देंगे।”

Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *