लखनऊ, 27 दिसंबर – उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में दो दिवसीय सम्मेलन ‘पुलिस मंथन 2025’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्हें पुलिस द्वारा पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस कार्यक्रम की जानकारी साझा करते हुए बताया कि ‘पुलिस मंथन 2025’ का उद्देश्य सुरक्षा, रणनीति और सुशासन को मजबूत करना है।
मुख्यमंत्री के आगमन पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण और अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) पीएसी रामकृष्ण स्वर्णकार ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी साइबर अपराध, मानव तस्करी, सोशल मीडिया से जुड़े मुद्दों और कानून-व्यवस्था की विभिन्न चुनौतियों पर विचार-विमर्श करेंगे। डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य जन-केंद्रित पुलिसिंग को सुदृढ़ करना, प्रौद्योगिकी आधारित आधुनिक पुलिस प्रणाली विकसित करना और अपराध के खिलाफ त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करना है।
पहले दिन कई विषयगत सत्र आयोजित किए गए, जिसमें बीट पुलिसिंग, सर्वोत्तम प्रथाओं और प्रौद्योगिकी आधारित योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतियां दी गईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और ‘बिग डेटा एनालिटिक्स’ का उपयोग कर विकसित ‘यक्ष’ ऐप का उद्घाटन किया। यह ऐप बीट पुलिसिंग के डिजिटल संस्करण के रूप में काम करेगा और इसमें अपराध, अपराधियों और संवेदनशील क्षेत्रों से जुड़ा व्यापक डेटा उपलब्ध होगा।
‘यक्ष’ ऐप का उद्देश्य बीट पुलिस कर्मियों के दैनिक कार्यों को सरल बनाना, थानावार अपराधी डेटाबेस, बीट-स्तरीय सत्यापन, एआई-आधारित संदिग्ध पहचान, वॉयस सर्च, गिरोह-संबंध विश्लेषण और गतिविधि अलर्ट जैसी सुविधाओं के माध्यम से निवारक पुलिसिंग को मजबूत करना है।
सम्मेलन में महिलाओं से जुड़े अपराधों, बाल संरक्षण और मानव तस्करी पर भी चर्चा हुई। अपर पुलिस महानिदेशक (महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन) पद्मजा चौहान ने मिशन शक्ति केंद्रों, जागरूकता कार्यक्रमों, पारिवारिक विवाद समाधान क्लीनिकों और बलात्कार मामलों में कानून प्रवर्तन से जुड़ी योजनाओं और चुनौतियों पर प्रस्तुति दी।
इसके अलावा, अधिकारियों ने ‘स्मार्ट एसएचओ डैशबोर्ड’ का भी प्रस्तुतीकरण किया, जो थाना प्रभारियों को एक ही मंच पर शिकायतों, अपराधों और कर्मचारियों के प्रदर्शन की निगरानी करने की सुविधा देगा। इससे शिकायत निवारण की गति बढ़ेगी, लंबित मामलों में कमी आएगी और पुलिस कर्मियों की जवाबदेही एवं अपराध निगरानी अधिक प्रभावी होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों दिन सम्मेलन में उपस्थित रहेंगे और पुलिस व्यवस्था को आधुनिक तकनीकी समाधानों के साथ सशक्त बनाने पर मार्गदर्शन देंगे।
