पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीख़ों का ऐलान कल, 6 अक्टूबर 2025 को होने वाला है। चुनाव आयोग ने इस ऐलान को लेकर सभी राजनीतिक दलों और राज्य प्रशासन को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। ऐलान से पहले ही राज्य में चुनावी हलचल तेज़ हो गई है।
राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री और विभिन्न पार्टी नेता मीडिया और जनसभाओं के माध्यम से जनता तक अपनी नीतियों और विकास कार्यों का संदेश पहुँचा रहे हैं। विपक्षी दल भी रणनीति बदलने और उम्मीदवारों के चयन में तेजी ला रहे हैं। चुनाव की तारीख़ों के ऐलान से मतदाता सूची, चुनाव प्रचार और सुरक्षा व्यवस्थाओं की योजना बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
चुनाव आयोग ने कहा है कि इस बार चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न होंगे। राज्य में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) और वीवीपैट की जांच भी चुनाव से पहले की जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार विधानसभा चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है, क्योंकि राज्य में विकास मुद्दों के साथ-साथ सामाजिक और जातिगत समीकरण भी बड़ी भूमिका निभाएंगे। मतदाता सूची में शामिल युवाओं और पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं की संख्या अधिक होने के कारण चुनाव परिणाम पर उनका प्रभाव देखा जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, ऐलान के बाद उम्मीदवारों की घोषणाएँ, चुनावी रैलियाँ और पार्टी प्रचार और अधिक तेज़ हो जाएगा। इसके साथ ही, चुनाव आयोग की ओर से यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी दल आचार संहिता का पालन करें और चुनावी प्रक्रिया को शांति और सम्मान के साथ संपन्न करें।
बिहार के 243 विधानसभा सीटों के लिए यह चुनाव राज्य की राजनीतिक दिशा तय करेगा। जनता की निगाहें कल के ऐलान पर टिकी हैं, जो बिहार की राजनीतिक हलचल को और बढ़ा देगा।
