हमें आत्मचिंतन करते रहना चाहिए, युद्ध जैसी स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

नयी दिल्ली, 27 अक्टूबर । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि भारत को हर समय “युद्ध जैसी स्थिति” के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि सीमाओं पर हालात किसी भी समय बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि मई में पाकिस्तान के साथ चार दिन चले “ऑपरेशन सिंदूर” ने यह साबित किया कि हमारी सीमाओं पर कभी भी कुछ भी हो सकता है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि इस अभियान के दौरान भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया और स्वदेशी सैन्य प्रणालियों जैसे आकाश मिसाइल, ब्रह्मोस और आकाशतीर वायु रक्षा नियंत्रण प्रणाली के सफल संचालन से देश की प्रतिष्ठा वैश्विक स्तर पर बढ़ी। उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर एक केस स्टडी के रूप में काम करेगा, जिससे हमें भविष्य की रणनीति तय करने में मदद मिलेगी।”

सिंह ने कहा कि भले ही भारत की सेनाएं सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं, लेकिन “आत्मचिंतन” जारी रहना चाहिए ताकि सुरक्षा के हर पहलू को सुदृढ़ किया जा सके। उन्होंने चेताया कि वर्तमान वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए भारत को अपनी सुरक्षा नीति और रणनीति नए सिरे से परिभाषित करनी होगी।

उन्होंने कहा, “स्वदेशीकरण ही एकमात्र रास्ता है। हमें युद्ध जैसी स्थिति के लिए अपनी ही बुनियाद पर तैयार रहना होगा।” सिंह ने बताया कि 2014 में भारत का रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि रक्षा निर्यात लगभग 24,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर है।

रक्षा मंत्री ने उद्योग जगत से आह्वान किया कि वे केवल उपकरणों के संयोजन तक सीमित न रहें, बल्कि उप-प्रणालियों और घटकों के स्वदेशी निर्माण पर भी ध्यान दें। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य होना चाहिए—‘हमारी मिट्टी, हमारा कवच।’”

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