सीईओ कार्यालय प्रदर्शन पर निर्वाचन आयोग ने पुलिस से रिपोर्ट मांगी, ममता बनर्जी ने बीएलओ की मांग को उचित बताया

कोलकाता, 26 नवंबर । पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय पर बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के एक वर्ग द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन को लेकर निर्वाचन आयोग ने कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज कुमार वर्मा को पत्र लिखा और इसे “गंभीर सुरक्षा उल्लंघन” बताया। आयोग ने 48 घंटे के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया।

निर्वाचन आयोग के सचिव सुजीत कुमार मिश्रा ने पत्र में कहा कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल के कार्यालय में मौजूदा सुरक्षा पर्याप्त नहीं प्रतीत होती, जिससे कार्यालय में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। पत्र की एक प्रतिलिपि मुख्य सचिव, राज्य के गृह सचिव और डीजीपी को भी भेजी गई है।

बीएलओ ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के कारण अत्यधिक कार्य दबाव का आरोप लगाते हुए मंगलवार शाम तक सीईओ कार्यालय के बाहर करीब 30 घंटे का प्रदर्शन किया। निर्वाचन आयोग ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे अधिकारियों, कर्मचारियों, उनके आवासों और आने-जाने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय करें और राज्य में एसआईआर गतिविधियों और आगामी चुनावों के कारण सुरक्षा को पर्याप्त रूप से वर्गीकृत किया जाए।

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संविधान दिवस के अवसर पर रेड रोड स्थित बी आर आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि बीएलओ को अपनी शिकायतें दर्ज कराने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा, जो उचित नहीं था। उन्होंने सवाल उठाया कि “सीईओ से मिलने के लिए उन्हें 48 घंटे क्यों बैठना पड़ा? क्या उनके समय की कोई कीमत नहीं है?”

मुख्यमंत्री ने बताया कि बीएलओ सर्वर संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिसके कारण वे समय पर मतदाता आंकड़े अपलोड नहीं कर पा रहे। उन्होंने एसआईआर प्रक्रिया को वर्तमान दो महीने की समय-सीमा के बजाय तीन वर्ष की अवधि के लिए योजनाबद्ध करने की आवश्यकता दोहराई। बनर्जी ने कहा कि बीएलओ की मांगें जायज और वैध हैं और लोगों को अपनी शिकायत दर्ज कराने का अधिकार होना चाहिए।

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