संभल प्रशासन 24 नवंबर से पहले सतर्क, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की: जिलाधिकारी

संभल (उप्र), 17 नवंबर—पिछले वर्ष 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण के दौरान भड़की हिंसा को देखते हुए जिले में सुरक्षा व्यवस्था अत्यधिक मजबूत कर दी गई है। जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने सोमवार को बताया कि संभावित तनावपूर्ण स्थिति को ध्यान में रखते हुए पूरे जिले में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और प्रशासन किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए सतर्क है।

ज्ञात हो कि हिंदू पक्ष के कुछ संगठनों का दावा है कि मुगलकालीन जामा मस्जिद पूर्व में हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। इसी संदर्भ में स्थानीय अदालत के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 19 नवंबर 2023 को मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण किया था। इसके बाद 24 नवंबर को किए जा रहे दूसरे सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी, जिसमें गोलीबारी की घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई थी तथा कई पुलिसकर्मियों सहित अनेक लोग घायल हुए थे। इस पृष्ठभूमि को देखते हुए प्रशासन इस बार पहले से ही पूरी तरह मुस्तैद है।

इसी बीच, हरिहर सेना ने 19 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के ‘विवादित स्थल’ के ढाई किलोमीटर दायरे में परिक्रमा करने का ऐलान किया है। संगठन के संस्थापक और कैला देवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि ने बताया कि यह एक दिवसीय ‘हरिहर मंदिर पद यात्रा’ होगी। प्रशासन ने इस कार्यक्रम पर भी कड़ी नजर रखी है ताकि किसी प्रकार का तनाव न बढ़े।

जिलाधिकारी पेंसिया ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को ऑनलाइन बैठक कर जिले के विकास कार्यों तथा कानून-व्यवस्था की समीक्षा की है। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रेट की तैनाती, सुरक्षा बलों की अतिरिक्त ड्यूटी और संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है।

विकास कार्यों की प्रगति साझा करते हुए पेंसिया ने बताया कि 24 कोसी परिक्रमा मार्ग को सात मीटर चौड़ा करने का निर्देश लोक निर्माण विभाग और धार्मिक मामलों के विभाग को दिया गया है। इस परियोजना पर लगभग 419 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। संभल के 68 तीर्थस्थलों और 19 पवित्र कुओं के लिए विजन डॉक्यूमेंट तैयार हो चुका है और धन मिलने के बाद कार्य गति पकड़ेगा।

उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग से छह करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जबकि 13 करोड़ रुपये का उपयोग किया जा चुका है। यमगंड तीर्थ परियोजना पूरी हो चुकी है, चतुर्मुख ब्रह्म कूप का निर्माण संपन्न है और पिशाच मोचन तीर्थ का कार्य भी जल्द समाप्त होगा। एएसआई की देखरेख वाले नौ स्थलों पर भी कार्यों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

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