शाह ने तीन दिवसीय बंगाल दौरे में तय की चुनावी रणनीति, भाजपा नेताओं को दिए स्पष्ट लक्ष्य

कोलकाता, 31 दिसंबर । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान भारतीय जनता पार्टी की चुनावी रणनीति को अंतिम रूप देने का प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के खिलाफ “घुसपैठ और भ्रष्टाचार” को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाते हुए राज्य भाजपा नेतृत्व को ठोस कार्ययोजना और लक्ष्य सौंपे।

अपने प्रवास के दौरान शाह ने पार्टी संगठन को मजबूत करने और आपसी समन्वय बढ़ाने पर खास जोर दिया। पहली बार उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बंगाल इकाई के नेताओं के साथ बैठक कर संयुक्त चुनावी रणनीति पर चर्चा की। इसे भाजपा और संघ के बीच समन्वय को और सशक्त करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

शाह के दौरे का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश यह भी रहा कि पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को फिर से सक्रिय भूमिका में लाया गया। पिछले कुछ महीनों से पार्टी गतिविधियों से दूर माने जा रहे घोष को बैठकों में शामिल कर और उन्हें प्रचार के प्रमुख चेहरों में आगे कर भाजपा ने संगठनात्मक एकजुटता का संकेत दिया।

तीन दिनों में शाह ने कम से कम पांच प्रमुख राजनीतिक बैठकों की अध्यक्षता की। इनमें आरएसएस नेताओं के साथ मंथन, कोलकाता और उपनगरों के कार्यकर्ताओं की सभा, सांसदों-विधायकों के साथ बंद कमरे की बैठक और एक प्रेस वार्ता शामिल थी। व्यस्त कार्यक्रम के बीच उन्होंने कोलकाता के काली मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।

मंगलवार को शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार चुनावी लाभ के लिए बांग्लादेशी घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है, जिससे राज्य की जनसांख्यिकी “खतरनाक रूप से बदल” रही है। उन्होंने घुसपैठ को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए कहा कि भाजपा सत्ता में आने पर एक मजबूत “राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड” तैयार करेगी, जिससे अवैध घुसपैठ पूरी तरह रोकी जा सके।

शाह ने दावा किया कि 2026 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को दो-तिहाई बहुमत मिलेगा और 15 अप्रैल 2026 के बाद बंगाल में भाजपा सरकार बनने पर राज्य के गौरव, संस्कृति और विकास का नया अध्याय शुरू होगा। उन्होंने टीएमसी पर “सिंडिकेट राज”, व्यापक भ्रष्टाचार और महिलाओं की सुरक्षा में विफलता का आरोप भी लगाया।

बुधवार को पार्टी नेताओं के साथ बैठक में शाह ने निर्देश दिया कि सभी सांसद, विधायक और संगठनात्मक पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सप्ताह में कम से कम चार दिन बिताएं और रोजाना पांच नुक्कड़ सभाएं करें। उन्होंने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का आह्वान करते हुए स्पष्ट किया कि दिलीप घोष पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक होंगे।

दौरे के अंत में शाह ने थंथानिया काली मंदिर में पूजा की और इसके बाद दिल्ली रवाना हो गए। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन को पुलिस ने मंदिर परिसर से दूर ही रोक दिया।

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