शाहजहांपुर में निजी विद्यालयों की फीस वृद्धि पर डीएम सख्त, 10 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी पर रोक

शाहजहांपुर, 23 दिसंबर – निजी विद्यालयों द्वारा की जा रही फीस वृद्धि, यूनिफॉर्म बदलाव और पुस्तकों की बिक्री को लेकर लगातार बढ़ती शिकायतों के मद्देनजर जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित बिस्मिल सभागार में एक अहम बैठक आयोजित की। बैठक में जिले के विभिन्न निजी विद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों की उपस्थिति रही।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने साफ निर्देश दिए कि अनुमोदन समिति की अनुमति के बिना किसी भी विद्यालय द्वारा यूनिफॉर्म में बदलाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बार-बार यूनिफॉर्म बदलने से अभिभावकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ पड़ता है, जिसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।

पुस्तकों की व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि यदि किसी विद्यालय को पुस्तकों की सूची में कोई संशोधन करना है, तो उसकी संशोधित सूची नाम, प्रकाशक सहित कम से कम 60 दिन पहले विद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इससे अभिभावकों को समय रहते जानकारी मिल सके और वे अपनी सुविधा अनुसार पुस्तकें कहीं से भी खरीद सकें।

फीस वृद्धि के विषय में जिलाधिकारी ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि किसी भी निजी विद्यालय द्वारा 10 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को फीस निर्धारण में पूर्ण पारदर्शिता रखने और किसी भी प्रकार की मनमानी वसूली से बचने के निर्देश दिए।

इसके अलावा, विद्यालयों के संचालन समय को लेकर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि कोई भी निजी विद्यालय प्रातः 10:00 बजे से पहले संचालित नहीं होगा। सभी विद्यालयों को शासन द्वारा निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा।

बैठक में डीआईओएस हरिवंश कुमार, बीएसए दिव्या गुप्ता और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि इस बैठक का मुख्य उद्देश्य अभिभावकों और छात्रों के हितों की रक्षा करना है और शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन बनाए रखना है।

इस निर्णय के बाद जिले के निजी विद्यालयों को अपनी फीस वृद्धि, यूनिफॉर्म और पुस्तकों से संबंधित नीति में पारदर्शिता बरतनी होगी। अधिकारियों ने यह भी आश्वासन दिया कि जांच टीम नियमित तौर पर स्कूलों का निरीक्षण करेगी, ताकि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जा सके और अभिभावकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

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