विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का सम्मेलन: न्याय मानवता की सुरक्षा व समृद्धि का आधार बने — सीएम योगी

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। दुनिया के विभिन्न देशों से आए प्रमुख न्यायविदों और विधि विशेषज्ञों की मौजूदगी में आयोजित इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न्याय, शिक्षा, वैश्विक चुनौतियों और मानवता के भविष्य पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुई, जिसने उपस्थित लोगों का मन मोह लिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि भारत हजारों वर्षों से विश्व को एक परिवार के रूप में देखने की संस्कृति का पालन करता आया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया की कई समस्याओं की जड़ एक-दूसरे के साथ संवाद के अभाव में छिपी है, और यह सम्मेलन आपसी संवाद को मजबूत करने का महत्वपूर्ण माध्यम है।

सीएम योगी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित 16 वैश्विक लक्ष्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षा उनमें से सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ऐसी होनी चाहिए जो बच्चों पर बोझ न बने, बल्कि उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दे।

उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया के कई हिस्सों में अशांति, अराजकता और वर्चस्व की होड़ ने विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे विषयों को पीछे धकेल दिया है। ऐसे समय में न्याय, नैतिकता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने साइबर क्राइम, डेटा चोरी, जलवायु परिवर्तन और अन्य वैश्विक संकटों को भी गंभीर चुनौती बताते हुए प्रभावी समाधान पर जोर दिया।

सीएम योगी ने कहा कि वैश्विक आतंकवाद, साइबर सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य जैसी गंभीर समस्याओं पर संयुक्त राष्ट्र जैसे मंचों पर मुखर होकर चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने भारत की प्राचीन पंचतत्व आधारित जीवनदर्शन का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण मानव सभ्यता की प्राथमिकता होनी चाहिए।

अपने वक्तव्य के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि जब दुनिया भर के बड़े न्यायविद एक ही मंच पर एकत्र हुए हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि न्याय को मानवता की समस्याओं के समाधान का मार्ग बनाने पर चर्चा हो। उन्होंने कहा कि न्याय न केवल समता सुनिश्चित करे, बल्कि प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा, स्वावलंबन और उज्ज्वल भविष्य का आधार भी बने।

सम्मेलन के इस सत्र ने वैश्विक न्याय व्यवस्था, शांति और मानव कल्याण के लिए नए विचारों व सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण संदेश देने का काम किया।

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