नई दिल्ली, 2 दिसंबर 2025। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विपक्ष पर मणिपुर के मामलों को लेकर “मगरमच्छ के आंसू” बहाने का आरोप लगाया और कहा कि उनके द्वारा उठाई गई सभी चिंताएँ केवल ड्रामा हैं।
यह टिप्पणी उन्होंने मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2025 पर सदन में हुई चर्चा के दौरान की। सीतारमण ने कहा, “2024 में पूरा साल विपक्ष मणिपुर के लिए मगरमच्छ के आंसू बहाता रहा। प्रधानमंत्री या गृह मंत्री ने क्या वहां दौरा किया, क्या कानून व्यवस्था सामान्य हुई? विपक्ष बार-बार मुद्दा उठाता रहा लेकिन कार्रवाई में शामिल नहीं हुआ।”
विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच यह विधेयक प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद कई विपक्षी सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। वित्त मंत्री ने बताया कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन होने के कारण जब राज्य का बजट संसद में पेश किया गया, उस समय भी विपक्ष चर्चा में शामिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विपक्ष की सारी चिंता केवल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर आरोप लगाने तक सीमित है।
निर्मला सीतारमण ने यह भी स्पष्ट किया कि यह विधेयक मणिपुर माल एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) अध्यादेश, 2025 की जगह लेगा, जो 7 अक्टूबर 2025 को लागू किया गया था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी कानून में किए गए संशोधन अधिकांश राज्यों ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन मणिपुर में विधानसभा निलंबित होने के कारण इसे अध्यादेश के जरिए लागू करना पड़ा।
फाइनेंस मंत्री ने कहा, “विपक्ष मणिपुर के लोगों के हित में नहीं बल्कि सिर्फ राजनीतिक ड्रामा कर रहा है। जब महत्वपूर्ण विधेयक आता है, वे बहिर्गमन कर चर्चा में भाग नहीं लेते, यह बहुत शर्मनाक है।”
