विदेशी आक्रांता हमारे आदर्श नहीं हो सकते: योगी आदित्यनाथ

गोरखपुर (उप्र), 9 दिसंबर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि विदेशी आक्रांताओं का महिमामंडन करने वाले लोग ‘गुलामी की सोच’ से ग्रस्त हैं और ऐसे हमलावर कभी भारत के आदर्श नहीं हो सकते।
मुख्यमंत्री ने यहां सैनिक स्कूल में भारत के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की चौथी पुण्यतिथि पर उनके नाम पर बने सभाकक्ष का उद्घाटन किया, उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
तमिलनाडु के कुन्नूर में आठ दिसंबर 2021 को हुई हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
योगी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान दिए गए ‘पंच प्रण’ की याद दिलाते हुए कहा, ”क्या कोई सच्चा भारतीय है जो एक कमजोर या गरीब भारत चाहेगा? हर सच्चा भारतीय एक सुरक्षित, विकसित और आत्मनिर्भर देश चाहता है।”
उन्होंने कहा, ”अगर हम ऐसा भारत बनाना चाहते हैं, तो ये पांच संकल्प हमारी जिंदगी का हिस्सा बनने चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहला संकल्प अपनी विरासत पर गर्व करने का है। उन्होंने कहा, ”हमें भगवान राम, भगवान कृष्ण, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, गुरु गोबिंद सिंह जी और रानी लक्ष्मीबाई की विरासत पर गर्व है। जो समाज अपने नायकों को भूलता है, वह आगे नहीं बढ़ सकता।’’
योगी ने कहा कि दूसरा संकल्प गुलामी की मानसिकता को पूरी तरह त्यागने का है। उन्होंने कहा, ”कुछ लोगों को लगता है कि विदेशी चीजें बेहतर और भारतीय चीजें कमतर हैं। यही गुलामी की सोच है।’’
मुख्यमंत्री ने पूछा, ”हमें सिकंदर को महान क्यों कहना चाहिए? महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह जी, पृथ्वीराज चौहान या जनरल बिपिन रावत को क्यों नहीं?’’
उन्होंने कहा, ”हमारे नायक, हमारे बहादुर सैनिक और परमवीर चक्र विजेता हैं। विदेशी हमलावर हमारे लिए कभी महान या आदर्श नहीं हो सकते।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय उपलब्धियों की कीमत पर विदेशी विचारों की प्रशंसा करना ‘औपनिवेशिक सोच’ है और इसे खत्म करना होगा।
योगी ने तीसरे संकल्प ‘सुरक्षा बलों का सम्मान’ का जिक्र करते हुए कहा कि सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बल देश की सुरक्षा के लिए निरंतर काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी एक व्यक्ति की गलती से पूरा संस्थान गलत नहीं हो जाता।
मुख्यमंत्री ने चौथे संकल्प ‘सामाजिक एकता’ पर बल देते हुए कहा कि जाति, क्षेत्र और भाषा के आधार पर समाज को बांटने की कोशिशें देश के लिए हानिकारक हैं।
बिना किसी का नाम लिये विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ लोग राजनीतिक लाभ के लिए समाज को बांटते हैं और सत्ता में आने पर सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचते हैं।
आदित्यनाथ ने कहा, ”समाज को बांटने वाले मीर जाफर और जयचंद जैसा पाप करते हैं। जाति, क्षेत्र या ऐसी ही अन्य पहचानों के अल्पकालिक लॉलीपॉप से ​​समाज और राष्ट्र प्रगति नहीं कर सकता। देश तभी सही मायने में समृद्ध होगा जब भेदभाव खत्म हो और सभी में एकता हो।’’
योगी ने कहा, ”भारत की तरक्की एकता में है। जिसे भारतीय होने पर गर्व नहीं, उसे खुद विचार करना चाहिए।’’ पांचवें संकल्प का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारों की लड़ाई में उलझा देश तरक्की नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, ”हमें छोटे-मोटे हितों से ऊपर उठकर कर्तव्य भावना से काम करना चाहिए।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि जनरल बिपिन रावत राष्ट्रगौरव, कर्तव्य और साहस के प्रतीक थे, और उनके नाम पर बना सभाकक्ष व उनकी प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत साबित होगी।

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