विकसित भारत के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए लोगों में एकता आवश्यक : प्रधानमंत्री मोदी


गोवा में 77 फुट ऊंची भगवान राम की प्रतिमा का अनावरण, सांस्कृतिक पुनर्जागरण पर किया जोर

पणजी, 28 नवंबर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए देशवासियों के बीच एकता और सामूहिक प्रयास अनिवार्य हैं। उन्होंने यह बात श्री संस्थान गोकर्ण जीवोत्तम मठ की 550वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही, जहां उन्होंने गोवा में 77 फुट ऊंची भगवान राम की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत में जारी सांस्कृतिक पुनर्जागरण को राष्ट्र की नई ऊर्जा और चेतना का प्रतीक बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जब समाज एकजुट होता है, जब देश के सभी क्षेत्र साथ खड़े होते हैं, तभी राष्ट्र बड़ी छलांग लगाता है। विकसित भारत का मार्ग भी इसी एकता से सुगम बनेगा।” उन्होंने कहा कि आज का भारत अपनी सांस्कृतिक जड़ों से पुन: जुड़ रहा है और आध्यात्मिक मूल्यों के पुनरुत्थान का दौर देश की नई सोच और सशक्त पहचान को दर्शाता है।

मोदी ने अपने संबोधन में अयोध्या के राम मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम के व्यापक जीर्णोद्धार, और उज्जैन के महाकाल महालोक के विस्तार जैसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परियोजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं केवल अवसंरचना नहीं बल्कि भारत की सदियों पुरानी संस्कृति, आध्यात्मिक विरासत और राष्ट्रीय चेतना के पुनरोत्थान के प्रतीक हैं।

प्रधानमंत्री ने गोवा की सांस्कृतिक दृढ़ता की प्रशंसा करते हुए कहा कि अनेक कठिन परिस्थितियों के बावजूद राज्य ने अपनी मूल पहचान को न केवल सुरक्षित रखा, बल्कि समय के साथ इसे पुनर्जीवित भी किया। उन्होंने कहा कि एक दौर ऐसा भी था जब गोवा के मंदिर, भाषा और परंपराएं संकटों का सामना कर रही थीं, लेकिन समाज की आत्मिक शक्ति ने इन चुनौतियों को अवसर में बदल दिया।

उन्होंने कहा, “गोवा की संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उसने हर बदलाव के साथ स्वयं को मजबूत किया है। कठिन समय में भी इसकी सांस्कृतिक आत्मा कमजोर नहीं हुई, बल्कि और अधिक दृढ़ होकर उभरी।”

प्रधानमंत्री मोदी ने मठ की 550 वर्षों की आध्यात्मिक यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि इस अवधि में समय के अनेक चक्रवात आए, युग बदले, समाज और देश में बड़े बदलाव हुए, लेकिन मठ ने अपनी दिशा नहीं खोई। उन्होंने कहा कि मठ सदैव लोगों को मार्गदर्शन देने वाला केंद्र रहा है और यही उसकी सबसे बड़ी पहचान है।

कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने रामायण पर आधारित एक थीम पार्क का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह परिसर आने वाली पीढ़ियों के लिए ध्यान, भक्ति और प्रेरणा का स्थायी केंद्र बनेगा। इसके बाद प्रधानमंत्री ने दक्षिण गोवा के पर्तगाली स्थित मठ परिसर में मंदिर का दौरा किया और संतों- साधुओं के सानिध्य में आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया।

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