वर्ल्ड बैंक की चेतावनी: अमेरिकी शुल्कों से धीमी पड़ सकती है दक्षिण एशिया की विकास रफ्तार

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर। वर्ल्ड बैंक ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अमेरिका द्वारा भारत सहित कई देशों के निर्यात पर लगाए गए ऊँचे शुल्क (टैरिफ) से दक्षिण एशिया की आर्थिक वृद्धि अगले वर्ष प्रभावित हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि व्यापारिक तनाव बढ़ता है, तो क्षेत्रीय निर्यात, निवेश और रोजगार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है।वर्ल्ड बैंक ने बताया कि फिलहाल भारत दक्षिण एशिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, लेकिन वैश्विक व्यापारिक चुनौतियाँ और सुरक्षा नीति के कारण निर्यात क्षेत्र पर दबाव बढ़ सकता है। संस्था ने भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान 2025-26 के लिए 6.5 प्रतिशत लगाया है, जो कि पहले के 6.3 प्रतिशत के अनुमान से अधिक है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि यदि अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक विवाद बढ़ता है, तो इसका असर भारतीय आईटी, वस्त्र, और ऑटो पार्ट्स जैसे उद्योगों पर दिख सकता है।वर्ल्ड बैंक के अनुसार, दक्षिण एशिया क्षेत्र में ऊर्जा कीमतों में उतार-चढ़ाव, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक वित्तीय अस्थिरता भी आने वाले महीनों में आर्थिक जोखिम बढ़ा सकती है। संस्था ने भारत सरकार की डिजिटल भुगतान प्रणाली, बुनियादी ढांचा निवेश और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं की सराहना की है, जो देश की आंतरिक आर्थिक गतिविधियों को मज़बूत कर रही हैं।रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि भारत को अपने निर्यात बाजारों में विविधता लानी चाहिए और घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ाना चाहिए, ताकि वैश्विक व्यापारिक असंतुलन का असर कम किया जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि भारत अपनी नीतियों में स्थिरता बनाए रखता है, तो वह क्षेत्रीय मंदी के बावजूद मजबूत आर्थिक विकास बनाए रख सकता है।

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