वक्फ पंजीकरण की समयसीमा नहीं बढ़ेगी, मुत्तवलियों को तीन महीने की राहत मिलेगी: रीजीजू

नयी दिल्ली, 5 दिसंबर :केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने ‘उम्मीद’ पोर्टल पर वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण की समयसीमा बढ़ाने की संभावना से शुक्रवार को इनकार किया और कहा कि पंजीकरण नहीं कर पाने वाले ‘मुत्तवलियों’ (वक्फ का देखभाल करने वाले) को तीन महीने तक जुर्माने और किसी कठोर सजा से राहत दी जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि शुक्रवार सुबह तक 1.51 लाख संपत्तियों का पंजीकरण हो चुका था।
मंत्री का यह भी कहना था कि जो लोग पंजीकरण नहीं कर पाए हैं वो वक्फ न्यायाधिकरण का रुख कर सकते हैं।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा, ”मंत्री ने स्पष्ट किया है कि वक्फ संशोधन अधिनियम के तहत अनिवार्य छह महीने की समय सीमा समाप्त हो गई है और अधिनियम के प्रावधानों और उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों के कारण इसे बढ़ाया नहीं जा सकता है।’’
विज्ञप्ति में कहा गया है, ”हालांकि, मुतवल्लियों की चिंताओं को समझते हुए मंत्री ने आश्वासन दिया कि मंत्रालय मानवीय और सुविधाजनक उपाय के रूप में अगले तीन महीनों तक कोई जुर्माना नहीं लगाएगा और कोई कठोर कार्रवाई नहीं करेगा।’’
मंत्रालय ने कहा, ”जो मुतवल्ली 6 दिसंबर, 2025 को रात 11:59:59 बजे तक पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करने में असमर्थ हैं, वे वक्फ न्यायाधिकरण का रुख कर सकते हैं, जिसके समयसीमा बढ़ाने का कानूनी अधिकार है। मंत्री ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि कानूनी रूप से अनिवार्य समयसीमा में कोई भी बदलाव संभव नहीं है, क्योंकि यह संसद द्वारा पारित कानून और उच्चतम न्यायालय द्वारा बरकरार रखे गए कानून से बंधा हुआ है। इसलिए मंत्री का बयान पूरी तरह से कानून के अनुरूप है।’’
केंद्र ने सभी वक्फ संपत्तियों की ‘जियो-टैगिंग’ के बाद एक डिजिटल सूची बनाने के लिए बीते छह जून को एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास (उम्मीद) अधिनियम केंद्रीय पोर्टल शुरू किया था। ‘उम्मीद’ पोर्टल के प्रावधान के अनुसार, देश भर में सभी पंजीकृत वक्फ संपत्तियों का विवरण अनिवार्य रूप से छह महीने के भीतर अपलोड किया जाना है।
पंजीकरण के लिए छह महीने की मियाद शनिवार को खत्म हो रही है।
इससे पहले, रीजीजू ने संवाददाताओं से कहा, ”वक्फ कानून बनाने के बाद हमने उम्मीद पोर्टल शुरू किया था और सभी वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर पंजीकृत करने के लिए संबंधित पक्षों को छह महीने की अवधि दी गई थी। आज आखिरी दिन है और अब भी लाखों संपत्तियों का पंजीकरण नहीं हो सका है। कई सांसदों और सामाजिक संगठनों के लोगों ने पोर्टल की मियाद बढ़ाने का आग्रह किया।’’
उन्होंने बताया कि अब तक उम्मीद पोर्टल पर 1.51 लाख वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण हुआ है।
मंत्री ने कहा, ”मैं उन भी मुतवल्लियों को आश्वस्त करता हूं कि अगले तीन महीनों तक कोई जुर्माना नहीं लगाएंगे या कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेंगे जिन्होंने पंजीकरण की कोशिश की, किसी कारणवश पंजीकरण नहीं हो सका। अन्य लोगों से मेरा अनुरोध है कि आप वक्फ न्यायाधिकरण में जाएं।’’
रीजीजू ने इस बात का उल्लेख किया कि उच्चतम न्यायालय ने अपने निर्देशों में स्पष्ट था कि छह महीने की समय सीमा के बाद तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है, लेकिन न्यायाधिकरण के पास इसे छह महीने तक आगे बढ़ाने का अधिकार है।
उनका कहना था, ”हम अपने लोगों को अधिकतम राहत देने की पूरी कोशिश करते हैं लेकिन कुछ चीजें कानून से बंधी हैं। संसद ने वक्फ संशोधन अधिनियम पारित कर दिया है इसलिए हम कानून में बदलाव नहीं कर सकते।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों को भी वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण में मदद करनी चाहिए।
मंत्री ने कहा कि कर्नाटक, पंजाब और कुछ अन्य राज्यों ने पंजीकरण में अच्छा प्रदर्शन किया है।

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