उत्तर प्रदेश सरकार ने मानवता और जीवन रक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक अभिनव पहल शुरू की है — “राहवीर योजना”। इस योजना के तहत जो भी व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल किसी व्यक्ति को चार घंटे के भीतर अस्पताल पहुँचाएगा, उसे राज्य सरकार द्वारा ₹25,000 का नकद पुरस्कार दिया जाएगा और उसे “राहवीर” की सम्मानजनक उपाधि से नवाजा जाएगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों की समय पर सहायता करना सबसे बड़ा मानवीय कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि कई बार लोग कानूनी परेशानियों या झंझटों के डर से घायल व्यक्ति की मदद करने से हिचकिचाते हैं, जिसके कारण अनेक लोगों की जान चली जाती है। “राहवीर योजना” का उद्देश्य ऐसे झिझक को खत्म करना और समाज में “पहले जीवन, बाद में प्रक्रिया” की भावना को मजबूत करना है।राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि दुर्घटना पीड़ित की मदद करने वाले व्यक्ति से किसी तरह की कानूनी पूछताछ नहीं की जाएगी। उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और उन्हें प्रशासन की ओर से पूर्ण सुरक्षा दी जाएगी।योजना के तहत हर जिले में एक “राहवीर सेल” बनाया गया है, जो ऐसे नेक कार्य करने वाले नागरिकों का रिकॉर्ड रखेगा और सत्यापन के बाद उन्हें सम्मानित करेगा। साथ ही, यह जानकारी पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय के लिए साझा की जाएगी।विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना न केवल सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु दर को घटाएगी, बल्कि समाज में “सहायता और संवेदनशीलता” की संस्कृति को भी बढ़ावा देगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि “राहवीर योजना” को धीरे-धीरे पूरे राज्य में व्यापक रूप से लागू किया जाएगा, ताकि हर नागरिक मानवता की इस श्रृंखला से जुड़ सके और दूसरों के जीवन को बचाने में योगदान दे सके।
