राज्यसभा में फिल्मी कलाकारों के तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर पूर्ण रोक लगाने की मांग

नई दिल्ली, 4 दिसंबर: राज्यसभा में बृहस्पतिवार को विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने पान मसाला, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों पर चिंता जताई और फिल्मी कलाकारों द्वारा इन उत्पादों के प्रचार पर पूर्ण रोक लगाने की मांग की। सदस्यों ने कहा कि तंबाकू उत्पादों के सेवन से कैंसर, दिल और फेफड़ों की गंभीर बीमारियां होती हैं, जिससे हर साल बड़ी संख्या में लोग अपनी जान गंवा देते हैं।

उच्च सदन में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान बसपा सदस्य रामजी ने कहा कि गुटखा कंपनियां अपने उत्पादों का प्रचार पान मसाले के रूप में करती हैं, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम फैलता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे प्रचार पर रोक लगाई जानी चाहिए और जनता में जागरूकता बढ़ाई जानी चाहिए। रामजी ने विशेष रूप से कहा, “जो भी हीरो-हीरोइन ऐसे उत्पादों का प्रचार करता है, उस पर रोक लगनी चाहिए। कोई भी फिल्मी कलाकार सिगरेट, तंबाकू, गुटखा या पान मसाला का प्रचार नहीं करे।”

सदन में उन्होंने सिगरेट सहित अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री के लिए लाइसेंस व्यवस्था लागू करने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि जिस तरह शराब और भांग की बिक्री पर नियंत्रण और लाइसेंस आवश्यक होता है, उसी तरह तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर लाइसेंस लगाने से इन उत्पादों के उपयोग और भ्रामक प्रचार पर नियंत्रण रखा जा सकता है। इसके अलावा, रामजी ने स्कूल और अस्पतालों के आसपास ऐसी दुकानों पर पूरी तरह रोक लगाने की मांग की।

भाजपा सदस्य संजय सेठ ने कहा कि तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों के सेवन से कैंसर, हृदय और फेफड़ों की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि भारत में लाखों लोग तंबाकू सेवन के कारण हर साल अपनी जान गंवाते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनियां अब इन उत्पादों का प्रचार सोडा, पानी या अन्य स्वस्थ उत्पादों के नाम पर करती हैं, क्योंकि सरकार ने सीधे विज्ञापन पर रोक लगा दी है। सेठ ने जोर देकर कहा कि इस तरह के भ्रामक प्रचार पर तत्काल रोक लगानी चाहिए।

सदन में उठाए गए मुद्दे ने साफ किया कि तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, विशेषकर फिल्मी हस्तियों द्वारा किए जाने वाले प्रचार, स्वास्थ्य और समाज के लिए गंभीर खतरा हैं। सदस्य इस दिशा में कानूनी और सख्त कदम उठाने की वकालत कर रहे हैं ताकि युवाओं और आम जनता को भ्रामक प्रचार से बचाया जा सके।

यह मांग स्वास्थ्य संरक्षण, जागरूकता और युवाओं को तंबाकू उत्पादों के सेवन से रोकने के उद्देश्य से उठाई गई है। प्रस्तावित कदमों में विज्ञापन पर रोक, लाइसेंस व्यवस्था और संवेदनशील स्थानों के आसपास बिक्री पर पाबंदी शामिल है। इस पर आगे कानून बनाकर या मौजूदा कानूनों में संशोधन करके लागू करने की संभावना जताई जा रही है।

यह चर्चा राज्यसभा में सार्वजनिक स्वास्थ्य और युवाओं के हित के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, और सदन में इसे लेकर सभी दलों का समर्थन देखने को मिला।

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