राजद विधायक दल की बैठक में तेजस्वी यादव बने नेता, चुनावी हार पर खुलकर हुई समीक्षा

पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नवनिर्वाचित विधायकों ने सोमवार को सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया। यह निर्णय पटना स्थित एक पोलो रोड पर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया, जिसमें पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती और प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह सहित शीर्ष नेतृत्व मौजूद रहा। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में राजद 143 सीटों पर मैदान में उतरी थी, लेकिन केवल 25 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। इस अप्रत्याशित परिणाम को लेकर बैठक में विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में उपस्थित नवनिर्वाचित विधायकों एवं हारे हुए प्रत्याशियों ने चुनावी परिस्थितियों और कथित अनियमितताओं पर खुलकर अपने विचार रखे। मटिहानी से विधायक बोगो सिंह ने आरोप लगाया कि मतदान के दौरान “10–10 हजार रुपये बांटे गए और जीविका दीदियों के वोट खरीदे गए।” उन्होंने कहा कि राजग की स्थिति कमजोर थी, इसलिए इस तरह के हथकंडे अपनाए गए। इसी तरह विधायक आलोक मेहता ने भी स्पष्ट अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि इन परिस्थितियों ने चुनावी नतीजों को पूरी तरह प्रभावित किया।

पूर्व विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उनका कहना था कि वोटिंग से पहले करोड़ों लोगों के खातों में 10–10 हजार रुपये भेजे गए और वादा किया गया कि सरकार बनवाने पर दो लाख रुपये और दिए जाएंगे। उन्होंने इसे लोकतंत्र का “गला दबाने की संगठित कोशिश” बताया। शाहीन ने यह दावा भी किया कि मतदान से पहले बाहरी राज्यों से हजारों लोग बिहार लाए गए, जिससे यह सवाल उठता है कि उन्हें छुट्टी और धन किसने उपलब्ध कराया।

पार्टी सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव ने सभी पराजित उम्मीदवारों से व्यक्तिगत तौर पर सुझाव लिए। समीक्षा का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना था कि चूक कहां हुई—क्या संगठन ढीला पड़ा, बूथ प्रबंधन कमजोर रहा, या चुनावी संदेश जनता तक प्रभावी ढंग से नहीं पहुंच पाया। बैठक के अंत में तेजस्वी यादव ने संगठन को मजबूत करने और जनता के बीच और सक्रिय होने पर जोर दिया।

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