यूपी में शिक्षकों के लिए ‘ट्रेन-द-ट्रेनर’ कार्यक्रम, नए शिक्षण मॉडल पर फोकस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग ने राज्यभर में शिक्षकों की गुणवत्ता और कक्षा-कक्ष में सीखने के स्तर को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है। विभाग ने 3 नवंबर से तीन दिवसीय “ट्रेन-द-ट्रेनर (TTT)” कार्यक्रम आयोजित किया है, जिसमें चयनित शिक्षकों को नई, नवाचारी और प्रयोग-आधारित शिक्षण पद्धतियों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य ऐसे मास्टर ट्रेनर तैयार करना है, जो आगे अपने-अपने जिलों में हजारों शिक्षकों को प्रशिक्षित कर सकें।

कार्यक्रम में शिक्षकों को एक्टिव लर्निंग, जॉयफुल क्लासरूम, डिजिटल टूल्स के उपयोग, अवधारणा-आधारित शिक्षण (CBL), और बच्चों की सीखने की गति के अनुसार शिक्षण रणनीति बनाने पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। विशेषज्ञ ट्रेनरों ने बताया कि पुरानी, एकतरफा शिक्षण शैली अब बच्चों की जिज्ञासा और कौशल को पूरी तरह विकसित नहीं कर पाती, इसलिए कक्षाओं को अधिक इंटरएक्टिव और प्रयोग-आधारित बनाना समय की आवश्यकता है।

इस प्रशिक्षण में टीचर्स को ‘लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षण’, मूल्यांकन के नए मॉडल, कक्षा प्रबंधन के उन्नत तरीकों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा की पद्धतियाँ भी सिखाई जा रही हैं। विभाग का मानना है कि प्रशिक्षित शिक्षक अपने स्कूलों में इन तरीकों को अपनाएंगे, जिससे कक्षा-कक्ष में सीखने की गुणवत्ता और बच्चों की सहभागिता दोनों बढ़ेगी।

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह कार्यक्रम ‘फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी (FLN)’ मिशन को मजबूत करेगा और राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में सीखने के परिणामों में बड़ा सुधार लाएगा।
उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में इस ट्रेनिंग के प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर और अधिक मॉड्यूल जोड़े जाएंगे।

 


Related Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *