यूपी में कृषि में जबरदस्त उछाल

उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र ने वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 17.7% तक पहुँच गई है, जो पिछले कई वर्षों में सबसे अधिक मानी जा रही है। इस अभूतपूर्व वृद्धि के पीछे सिंचाई व्यवस्था में सुधार, नई तकनीक का समावेश और किसानों को बाजार से बेहतर जुड़ाव जैसे कई प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।राज्य सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना” और “हर खेत को पानी” जैसी योजनाओं के माध्यम से नहरों और ट्यूबवेलों के जाल को सुदृढ़ किया है। इससे खेती योग्य भूमि की उत्पादकता में बड़ा सुधार हुआ है। साथ ही, कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों के सहयोग से किसानों को आधुनिक तकनीकों — जैसे ड्रोन स्प्रे, सॉयल हेल्थ कार्ड, और स्मार्ट सिंचाई पद्धतियों — की ट्रेनिंग दी जा रही है।प्रदेश में मंडी सुधार और “ई-नाम” (e-NAM) प्लेटफॉर्म के विस्तार से किसानों को अब अपने उत्पादों के लिए बेहतर दाम मिल रहे हैं। सब्जी, फल और दुग्ध उत्पादन में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। गन्ना, धान और आलू जैसी पारंपरिक फसलों के साथ-साथ किसान अब औषधीय पौधों और जैविक खेती की ओर भी बढ़ रहे हैं।विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रगति केवल उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। कृषि आधारित उद्योगों, कोल्ड स्टोरेज और प्रोसेसिंग यूनिटों के विस्तार से गाँवों में रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे “किसान केंद्रित विकास मॉडल” की सफलता बताया है और लक्ष्य रखा है कि आने वाले वर्षों में यूपी को देश का सबसे समृद्ध कृषि राज्य बनाया जाएगा।

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