मोकामा में सियासी हिंसा: JDU नेता अनंत सिंह गिरफ्तार, दुलारचंद यादव हत्याकांड में तीन आरोपित हिरासत में

पटना। बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाई हुई है। मोकामा में हुए दुलारचंद यादव हत्याकांड के मामले में पुलिस ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कद्दावर नेता और बाहुबली छवि वाले पूर्व विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पटना पुलिस के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसएसपी) कार्तिकेय के. शर्मा ने शनिवार को इसकी पुष्टि की। अनंत सिंह के साथ उनके दो सहयोगी मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया गया है। तीनों को जल्द ही मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।

हिंसक झड़प और हत्या

यह मामला 30 अक्टूबर को मोकामा के तारतर गांव में हुई हिंसक झड़प से जुड़ा है। विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच दो प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक गुटों के समर्थक आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान जमकर पत्थरबाजी और मारपीट हुई, जिसमें 75 वर्षीय स्थानीय निवासी दुलारचंद यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

एसएसपी शर्मा के अनुसार, यह झड़प उस समय हुई जब अनंत सिंह चुनावी सभा में मौजूद थे। मौके पर उनकी उपस्थिति और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर पुलिस ने उन्हें मुख्य आरोपी बनाया है। उन्होंने कहा कि यह घटना आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन और चुनावी प्रतिद्वंद्विता से जुड़ी है। पुलिस ने दोनों पक्षों पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बड़ा खुलासा

दुलारचंद यादव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हत्या के पीछे की गंभीरता सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, यादव के शरीर पर कई जगह भीतरी चोटें, छाती और पसलियों की हड्डियां टूटी हुईं पाई गईं। बाएं पैर में गोली लगी थी, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि गोली से मौत नहीं हुई। मृत्यु का कारण आंतरिक चोट या ब्रेन हेमरेज बताया गया है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉ. अजय कुमार ने सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी है।

कौन थे दुलारचंद यादव?

मृतक दुलारचंद यादव स्थानीय स्तर पर काफी प्रभावशाली व्यक्ति माने जाते थे। वे कभी राजद (RJD) के समर्थक रहे और पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के करीबी भी बताए जाते थे। विधानसभा टिकट नहीं मिलने के बाद हाल के महीनों में उन्होंने जन सुराज पार्टी के नेताओं से नजदीकी बढ़ाई थी। हालांकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि वे जन सुराज उम्मीदवार के रिश्तेदार थे, लेकिन पुलिस ने इसे गलत बताया है।

चुनावी तनाव बढ़ा

यह वारदात ऐसे समय में हुई है जब बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियां चरम पर हैं। मोकामा, जो लंबे समय से अनंत सिंह के प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है, में इस घटना ने राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है। विभिन्न दलों ने इसे चुनावी हिंसा करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

फिलहाल पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में बताया है और कहा है कि हत्याकांड की जांच फोरेंसिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आगे बढ़ाई जा रही है। अनंत सिंह और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव से पहले यह मामला न केवल कानून-व्यवस्था बल्कि सत्ताधारी दल के लिए भी बड़ी चुनौती बनकर उभरा है।

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