बिहार के मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या की जांच में नया मोड़ सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनकी मौत किसी भारी वस्तु के ऊपर से गुजरने से हुई। हालांकि, पैर के निचले हिस्से में लगी गोली से उनकी मौत नहीं हुई। इस मामले में पुलिस ने पहले ही अनंत सिंह को गिरफ्तार किया है और अब जनसुराज के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी की गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है।
मोकामा में हुई घटना को लेकर बिहार पुलिस के डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि यह जांच का विषय है कि हत्या जानबूझकर हुई या दुर्घटना थी। उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि दुलारचंद की मौत किसी भारी सामान के नीचे दबने से हुई। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह जानबूझकर किया गया या नहीं। पुलिस घटना के समय लगी गोली के बारे में भी विस्तृत जांच कर रही है।
डीजीपी ने बताया कि मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान जदयू और जनसुराज समर्थकों की गाड़ियां आमने-सामने होने के कारण झड़प और पत्थरबाजी हुई थी। इस दौरान कई वीडियो भी मिले हैं, जिसमें गाड़ियां भागती और पथराव करते लोग नजर आ रहे हैं। घटना के समय अनंत सिंह भी वहां मौजूद थे और उनके नेतृत्व में दल आगे बढ़ रहा था। इसी आधार पर सामूहिक जिम्मेदारी के तहत उनकी गिरफ्तारी की गई।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी के दौरान उनके ठिकाने की तलाशी ली गई, जिसमें कोई हथियार नहीं मिला। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि पुलिस वीडियो और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उपद्रव करने वाले हर व्यक्ति को चुन-चुनकर गिरफ्तार करेगी। अब तक इस मामले में करीब 80 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं।
डीजीपी विनय कुमार ने आम जनता से अपील की कि जातीय उन्माद फैलाने वाले बयान या पोस्ट करने से बचें, अन्यथा उन पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच में किसी भी तरह का पक्षपात नहीं किया जाएगा और प्रत्यक्षदर्शियों से भी साक्ष्य देने की अपील की गई है।
डीजीपी ने कहा कि वर्तमान में मोकामा की स्थिति शांतिपूर्ण है और जिला पुलिस के साथ सीआईडी की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है। उनका कहना था कि प्राथमिकता शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराना है और किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उसकी पहचान या पद कोई भी हो।
