लखनऊ, 26 दिसंबर – सिख इतिहास की गौरवशाली विरासत को जीवंत रखने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर शुक्रवार को वीर बाल दिवस का विशेष आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गुरु गोविंद सिंह के छोटे साहिबजादों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की शहादत को समर्पित था, जिन्होंने धर्म और सत्य की रक्षा में अपने जीवन का बलिदान दिया।
साथ ही, यह कार्यक्रम गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी वर्ष की स्मृति में आयोजित किया गया। समारोह में कीर्तन और आध्यात्मिक सत्रों ने सभी उपस्थित लोगों को जोड़ दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज दुष्ट औरंगजेब का नाम लेने वाला कोई नहीं, और जहांगीर भी गुरु तेग बहादुर के सामने टिक नहीं सका। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार, भाजपा और संघ हर शहर और स्कूल में इस प्रकार के आयोजन कर धर्म और देशभक्ति के बलिदानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर रहे हैं।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण युवा पीढ़ी का सक्रिय योगदान रहा। बच्चे साहिबजादों के पारंपरिक परिधान में मंच पर उपस्थित हुए और उन्होंने साहिबजादों की बहादुरी और त्याग की कहानियों को नाटकीय रूप में प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों का अभिनंदन करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और साहिबजादों का बलिदान उन्हें साहस और राष्ट्रभक्ति का संदेश देता रहेगा।
सुबह 11 बजे कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर कार्यक्रम की शुरुआत गुरबाणी के स्वरों और रागी जत्थों के शबद कीर्तन से हुई। सिख समुदाय के सदस्यों और श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या ने समारोह में भाग लिया। मुख्यमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष गेरुआ पगड़ी धारण कर सिर झुकाया, जिससे सिख परंपरा के प्रति सम्मान प्रदर्शित हुआ।
सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक एकता और युवाओं में नैतिक मूल्यों के प्रसार पर भी जोर दिया गया। बच्चों ने साहिबजादों की बहादुरी और दृढ़ता के दृश्यों को मंच पर प्रस्तुत किया, जिससे मुख्यमंत्री भावुक हो गए और उन्हें आशीर्वाद दिया।
श्रद्धालुओं ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रम युवाओं को अपनी परंपराओं और इतिहास से जोड़ते हैं, जिससे वे आधुनिक चुनौतियों का सामना साहस और ज्ञान के साथ कर सकते हैं। वीर बाल दिवस का यह आयोजन न केवल शहादत को याद करने का माध्यम बना, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत भी साबित हुआ।
