मालाबार गोल्ड कंपनी को ‘पाकिस्तान का हमदर्द’ बताने वाले ऑनलाइन पोस्ट हटाने का आदेश

मुंबई, 30 सितंबर । मुंबई उच्च न्यायालय ने आभूषण ब्रांड मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स लिमिटेड को ट्रोल करने वाले उन सोशल मीडिया पोस्ट को हटाने का आदेश दिया है, जिसमें ब्रिटेन में कंपनी के ब्रांड का प्रचार करने के लिए पाकिस्तानी मूल के लंदन स्थित ‘इंफ्लूएंसर’ को नियुक्त करने पर आपत्ति जताई गई थी।
पोस्ट में कथित तौर पर आभूषण ब्रांड को “पाकिस्तान का हमदर्द” कहा गया था।


न्यायमूर्ति संदीप मार्ने की पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में कहा कि अंतरिम निषेधाज्ञा का मामला बनता है और पोस्ट को हटाने का आदेश दिया जाता है।
अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया मंच कंपनी के उत्पादों और व्यवसाय का प्रचार करने के लिए ‘इंफ्लूएंसर’ की नियुक्ति के संबंध में कंपनी के खिलाफ किसी भी अन्य अपमानजनक सामग्री के प्रकाशन की अनुमति नहीं देंगे।
मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स लिमिटेड ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और गूगल जैसे सोशल मीडिया मंच पर कंपनी को पाकिस्तान से जोड़ने वाले कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपलोड की गई कई पोस्ट/सामग्री के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था।

याचिका के अनुसार, पोस्ट में मालाबार गोल्ड को पाकिस्तान का समर्थक बताया गया है और कहा गया है कि इससे उनकी बिक्री को नुकसान हो रहा है, खासकर त्योहारों के मौसम में।
ब्रांड ने उच्च न्यायालय को ऐसे अपमानजनक पोस्ट वाले 442 यूआरएल की सूची सौंपी तथा आगे ऐसे पोस्ट के खिलाफ निषेधाज्ञा तथा उन्हें हटाने की मांग की।
याचिका के अनुसार, ब्रांड की ब्रिटेन के बर्मिंघम में एक नया शोरूम स्थापित करने की योजना थी और इसका प्रचार करने के वास्ते इंफ्लुएंसर’ को शामिल करने के लिए जेएबी स्टूडियोज को नियुक्त किया था। जेएबी स्टूडियोज द्वारा उपलब्ध कराए गए इंफ्लुएंसर’ में से एक अलीशबा खालिद थीं, जो एक पाकिस्तानी इंस्टाग्राम इंफ्लुएंसर’ हैं और ब्रिटेन की निवासी हैं।
खालिद ने इस वर्ष के शुरू में पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत के आॅपरेशन सिंदूर की सार्वजनिक रूप से निंदा की थी।
मालाबार गोल्ड ने अपनी याचिका में कहा कि खालिद को (अप्रैल में) पहलगाम हमले से बहुत पहले ही अपनी शाखा का प्रचार करने के लिए नियुक्त किया गया था। कंपनी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह मूल रूप से पाकिस्तान की है और इसके बाद उसकी सेवाएं बंद कर दी गई थीं।

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