कोलकाता, 27 नवंबर : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने केंद्र और पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दलों पर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर लोगों में ”डर का माहौल’’ बनाने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसी) को इस प्रक्रिया को त्रुटिरहित बनाने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करना चाहिए।
माकपा की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि 29 नवंबर से शुरू होने वाली पार्टी की ‘बांग्ला बचाओ’ मुहिम में एसआईआर से जुड़े मुद्दों को भी सार्वजनिक करने का प्रयास किया जाएगा ताकि लोग यह सुनिश्चित कर सकें कि मतदाता सूची में उनके नाम सही दर्ज हों।
सलीम ने माकपा के प्रदेश मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, “यह मूल रूप से सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन उसने इसे ठीक तरह से अंजाम नहीं दिया, जिससे कुछ लोगों के कुछ वर्गों में भय पैदा हो गया है। ऐसे में, हम अपनी ओर से जितना संभव होगा, इस प्रक्रिया को लेकर उनकी आशंकाएं दूर करने की कोशिश करेंगे।”
उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में बूथ लेवल आॅफिसर (बीएलओ) पर बहुत दबाव डाला जा रहा है, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने एसआईआर के लिए पूरी तैयारी नहीं की है। उन्होंने कहा कि बीएलओ को लक्ष्य दिया जा रहा है जिसकी वजह से वे जल्दबाजी में काम कर रहे हैं।
माकपा नेता ने आश्वासन दिया, ”हम वामपंथी लोग जनता के साथ खड़े रहेंगे। अगर मसौदा मतदाता सूची में किसी का नाम न हो या कोई गलती दिखे, तो हम उनके साथ रहकर नाम जुड़वाने या सुधार करवाने के सभी उपाय बताएंगे और पूरी मदद करेंगे।”
इस बीच, निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर प्रक्रिया के 24वें दिन यानी 27 नवंबर तक लगभग 7.64 करोड़ गणना प्रपत्र मतदाताओं में वितरित किए जा चुके हैं।
अधिकारियों ने कहा, “कुल 7,64,85,274 गणना प्रपत्र नागरिकों में वितरित किए जा चुके हैं, ताकि लोग अपनी जानकारी पोर्टल पर अपलोड कर सकें और फरवरी 2026 में अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होने से पहले सब कुछ सही हो।”
उन्होंने बताया कि अब तक 6,35,38,971 प्रपत्र अपलोड किए जा चुके हैं, यानी लगभग 83 प्रतिशत का काम पूरा हो गया है।
माकपा ने निर्वाचन आयोग से एसआईआर की समयसीमा बढ़ाने की मांग की
