ममता बनर्जी ने जी राम जी विधेयक को लेकर केंद्र पर किया निशाना, कहा राज्य में रोजगार योजना महात्मा गांधी के नाम पर रखेंगे

कोलकाता, 18 दिसंबर 2025। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 20 साल पुराने मनरेगा योजना का नाम बदलकर ‘विकसित भारत-जी राम जी’ करने के केंद्र के कदम पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार अपने ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी।

बनर्जी ने एक व्यापार और उद्योग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “अगर कुछ राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय नायकों का सम्मान करने में विफल रहते हैं, तो हम यह काम करेंगे।” उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की जब लोकसभा ने ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पारित कर दिया, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का स्थान लेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “मुझे शर्म महसूस होती है कि उन्होंने मनरेगा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने का फैसला किया। अब हम राष्ट्रपिता तक को भुला रहे हैं। हमारी सरकार कर्मश्री योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी। हम जानते हैं कि हमारे राष्ट्रीय नायक महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, टैगोर, नजरुल, आंबेडकर, मौलाना आजाद, सरदार पटेल और राजेंद्र प्रसाद जैसे अन्य नायकों का सम्मान कैसे किया जाता है।”

बनर्जी ने कहा कि भारत के राजनीतिक और धार्मिक हस्तियों ने सर्वत्र भाईचारे और सद्भाव का समर्थन किया है और प्रधानमंत्री द्वारा अपनाई गई नीतियों की आलोचना की। उन्होंने जोर देकर कहा, “विभाजन समस्याओं का समाधान नहीं है; शांति, सद्भाव, मित्रता और मानवता ही समाधान हैं।”

मुख्यमंत्री ने राज्य की ‘कर्मश्री’ योजना का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत लाभार्थियों को 75 दिनों तक काम उपलब्ध कराया जाता है, जबकि केंद्र ने मनरेगा के तहत धनराशि रोक रखी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में कार्यदिवसों की संख्या बढ़ाकर 100 करने का लक्ष्य है और राज्य के संसाधनों से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोगों को रोजगार मिले।

ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया, “हम भिखारी नहीं हैं। भले ही केंद्र की निधि रोक दी जाए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को काम मिले।”

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