मनरेगा खत्म करने की साजिश, महात्मा गांधी से प्रधानमंत्री का प्रेम दिखावटी: कांग्रेस

नयी दिल्ली, 15 दिसंबर : कांग्रेस ने मनरेगा के स्थान पर केंद्र सरकार द्वारा नया कानून लाने की तैयारियों को लेकर सोमवार को तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि इस योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने का कदम बापू के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “दिखावटी प्रेम” को उजागर करता है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे मनरेगा को खत्म करने की साजिश बताते हुए कहा कि यह महात्मा गांधी का अपमान है।

कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम’ (मनरेगा) को निरस्त कर उसकी जगह एक नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित विधेयक का नाम ‘विकसित भारत–रोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण)’ (विकसित भारत–जी राम जी) विधेयक, 2025 बताया गया है। इस विधेयक की प्रतियां लोकसभा सदस्यों में बांटी जा चुकी हैं।

मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “यह केवल महात्मा गांधी नरेगा का नाम बदलने की बात नहीं है। यह भाजपा-आरएसएस की मनरेगा को खत्म करने की साजिश है। संघ के सौ साल पर गांधी का नाम मिटाना यह दिखाता है कि जो मोदी जी विदेशी धरती पर बापू को फूल चढ़ाते हैं, वह प्रेम कितना खोखला और दिखावटी है।”

उन्होंने आरोप लगाया कि जो सरकार गरीबों के अधिकारों से चिढ़ती है, वही मनरेगा जैसी योजना पर हमला करती है। खरगे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीब और मजदूर विरोधी किसी भी फैसले का संसद के भीतर और सड़कों पर पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, “हम सत्ता को करोड़ों गरीबों, मजदूरों और कामगारों के हकों को छीनने नहीं देंगे।”

इस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी सवाल उठाए। संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी योजना का नाम बदलने पर कार्यालयों, स्टेशनरी और अन्य व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर बदलाव करने पड़ते हैं, जिस पर अतिरिक्त खर्च होता है। उन्होंने पूछा, “तो इसका फायदा क्या है? ऐसा क्यों किया जा रहा है?”

प्रियंका गांधी ने कहा, “महात्मा गांधी का नाम क्यों हटाया जा रहा है? महात्मा गांधी न केवल देश में, बल्कि पूरी दुनिया में सबसे बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। ऐसे में उनका नाम हटाने के पीछे उद्देश्य क्या है, यह समझ से परे है।”

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, मनरेगा देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और गरीबों की आजीविका का अहम आधार रही है और उसमें किसी भी तरह का बदलाव करोड़ों लोगों के जीवन पर सीधा असर डाल सकता है।

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